ईरान ने अजरबैजान-आर्मेनिया शांति समझौते के तहत प्रस्तावित ‘ट्रंप कॉरिडोर’ को रोकने की धमकी दी

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नई दिल्‍ली। ईरान ने शनिवार को चेतावनी दी कि वह कॉकस क्षेत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल से बने प्रस्तावित परिवहन कॉरिडोर को रोक सकता है। यह कॉरिडोर अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच हुए हालिया क्षेत्रीय समझौते का हिस्सा है, जिसे क्षेत्र में एक रणनीतिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। ईरान के सर्वोच्च नेता के वरिष्ठ सलाहकार अली अकबर वेलायती ने कहा, “यह कॉरिडोर ट्रंप की मिल्कियत नहीं बनेगा, बल्कि ट्रंप के भाड़े के सैनिकों का कब्रिस्तान बनेगा।” उन्होंने दावा किया कि उत्तर-पश्चिमी ईरान में हाल ही में हुए सैन्य अभ्यास देश की तैयारी और संकल्प का संकेत हैं। ईरानी विदेश मंत्रालय ने पहले इस समझौते का स्वागत किया था, लेकिन चेतावनी दी थी कि उसकी सीमाओं के पास किसी भी विदेशी हस्तक्षेप से क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को नुकसान हो सकता है। अजरबैजान के राजदूत एलिन सुलेमानोव ने कहा, “दुश्मनी का अध्याय खत्म हो चुका है, अब हम स्थायी शांति की ओर बढ़ रहे हैं।” उन्होंने उम्मीद जताई कि यह समझौता क्षेत्र की समृद्धि और परिवहन नेटवर्क को बदल देगा। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अंतिम शांति समझौता तभी होगा जब आर्मेनिया अपने संविधान से नागोर्नो-काराबाख़ पर दावे का उल्लेख हटाएगा। दरअसल, अजरबैजान और आर्मेनिया के नेताओं ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप की मौजूदगी में एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे। ‘ट्रंप रूट फॉर इंटरनेशनल पीस एंड प्रॉस्पेरिटी’ (ट्रीप) नामक यह कॉरिडोर दक्षिणी आर्मेनिया से गुजरेगा, जिससे अजरबैजान को सीधे अपने नाख़िचेवन एक्सक्लेव और वहां से तुर्की तक पहुंच मिलेगी। अमेरिका को इसके विकास के विशेष अधिकार मिलेंगे, और व्हाइट हाउस का कहना है कि यह ऊर्जा और अन्य संसाधनों के निर्यात को बढ़ावा देगा।

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