जैसलमेर। जिले में बाल विवाह जैसी कुप्रथा की रोकथाम के लिए अक्षय तृतीया (आखातीज] पीपल पूर्णिमा जैसे पर्वो पर अन्य सावों पर विशेष रुप से ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह के आयोजनों की संम्भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए अतिरिक्त जिला कलक्टर परसाराम ने जिलाधिकारियों को पत्र प्रेषित कर निर्देशित किया हैं कि वे इस संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों की पालना करते हुए किसी भी सूरत में बाल विवाह को नहीं होने दें।
अतिरिक्त जिला कलक्टर ने बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए तहसील स्तर पर पदस्थापित कर्मचारियों, अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेद्य अधिनियमों के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर आमजन को जानकारी कराते हुए जन जागृति उत्पन्न करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला एवं ब्लॉक स्तर पर गठित विभिन्न सहायता समूह, महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, महिला सुरक्षा सखी, साथिन, सहयोगिनी के कोर ग्रुप को सक्रिय करने, हलवाई, बैण्डबाजा, पण्डित, बाराती, टैंटवाले, ट्रांसपोर्टर इत्यादि को बाल विवाह में सहयोग न करने एवं उन्हें कानूनी जानकारी देने, जनप्रतिनिधियों एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ चेतना बैठकों के आयोजन की कार्यवाही कराने के निर्देश जारी किए।
उन्होंने बाल विवाह रोकथाम के लिये किशोरियों, महिला समूहों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न विभागों के कार्यकर्ता जैसे स्वास्थ्य, वन, कृषि, समाज कल्याण, शिक्षा विभाग इत्यादि के साथ समन्वय बैठकों आयोजन करने एवं उन्हें संम्भावित बाल विवाह की जानकारी होने पर तुरन्त निकट के पुलिस स्टेशन को सूचित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही अक्षयतृतीया, पीपल पूर्णिमा जैसे अबूझ सावों पर जिला एवं उपखण्ड कार्यालयों में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर उसे चौबीस घण्टे क्रियाशील करने तथा उसके दूरभाष नम्बर सार्वजनिक स्थलों पर चश्पा करने, बाल विवाह की रोकथाम के लिये 181 कॉल सेन्टर पर तथा पुलिस कंट्रोल रुम के 100 नम्बर पर कभी भी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है, इसका भी व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही विद्यालयों में बाल विवाह के दुष्परिणामों एवं इससे संबंधित विधिक प्रावधानों की जानकारी विद्यार्थियों को सामुहिक रुप से चर्चा कर देने के निर्देश दिए।