जनसुनवाई में अतिक्रमण से लेकर भरण-पोषण तक, सभी मामलों पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश

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कोटा। जिला स्तरीय जनसुनवाई एवं जन आभियोग सतर्कता समिति की बैठक में गुरुवार को कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने लगभग 148 प्रकरणों की व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की और संबंधित अधिकारियों को त्वरित एवं पारदर्शी निस्तारण के निर्देश दिए। जनसुनवाई में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से विविध विषयों पर आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें अतिक्रमण, आधार-जन आधार में नाम जोड़ना, सीमाज्ञान, जल निकासी, तथा सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने जैसे मामले शामिल थे।
अधिकारियों को मौके पर टीम भेज कर जल्द कार्रवाई के दिए निर्देश
ग्रामीण क्षेत्रों से आए सीमाज्ञान, खेतों के रास्ते, जल निकासी और सरकारी रास्तों से अतिक्रमण हटाने जैसे मामलों पर कलेक्टर ने एसडीएम, तहसीलदार और सीएडी की संयुक्त टीम गठित कर सात दिन के भीतर मौके पर जाकर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
शहरी क्षेत्रों में अतिक्रमण, जर्जर भवन, सफाई पर सख्ती
शहरी क्षेत्रों से सफाई, अतिक्रमण और जर्जर भवनों से संबंधित कई प्रकरण आए, जिन पर कलेक्टर ने नगर निगम को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। पीडब्ल्यूडी के अधीन सरकारी आवास को लंबे समय से खाली नहीं करने के प्रकरण में वीडियोग्राफी के साथ विधि अनुसार आवास खाली कराने के निर्देश दिए गए।
भरण-पोषण अधिनियम के तहत वृद्धजनों की शिकायतें
जनसुनवाई में अनेक वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम के अंतर्गत अपनी संतान के विरुद्ध शिकायत लेकर पहुँचे। इस पर कलेक्टर ने संबंधित एसडीएम को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिले एवं उनकी शिकायतों का विधिक समाधान समयबद्ध ढंग से हो।
बिजली, सड़क, सूचना अधिकार जैसे मामलों पर निर्देश
मीटर कनेक्शन, पार्कों के विकास, सीसी रोड निर्माण और सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी उपलब्ध न कराए जाने जैसे प्रकरणों पर कलेक्टर ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि वे समय-सीमा में सभी समस्याओं का निस्तारण करे एवं सड़क निर्माण, पार्क के विकास के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएं एवं बजट प्राप्त होने पर विकास एवं निर्माण कार्य किए जाएं।
कोरोना काल से जुड़े प्रकरणों पर विभागीय समन्वय के निर्देश
कोविड काल के लंबित बिल भुगतान एवं अन्य शिकायतों पर कलेक्टर ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा सामाजिक सुरक्षा विभाग को समन्वय स्थापित कर त्वरित कार्यवाही करने को कहा। चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया कि भुगतान प्रक्रिया में देरी न करे।
विचाराधीन प्रकरणों पर दी गई विधिक जानकारी
कुछ आवेदकों के मामले न्यायालय में विचाराधीन पाए गए, जिन पर कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि प्रशासन केवल न्यायालय के निर्णयानुसार ही कार्य कर सकता है। ऐसे आवेदकों को विधिक प्रक्रिया की जानकारी देते हुए समझाइश दी गई।
संवेदनशीलता और पारदर्शिता से हो समस्याओं का समाधान
कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि वे सभी शिकायतों पर संवेदनशीलता और पूर्ण प्रतिबद्धता से कार्य करें तथा यह सुनिश्चित करें कि आवेदक प्रशासनिक प्रक्रिया से संतुष्ट हों।
जनसुनवाई में अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन मुकेश चौधरी सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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