टोंक (हुक्मनामा समाचार)। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव डॉ. रूबीना परवीन अंसारी द्वारा निवाई स्थित परमार्थ सेवा समिति वृद्धाश्रम का निरीक्षण किया गया। सचिव डॉ. रूबीना परवीन अंसारी ने वृद्धाश्रम निवाई में निवासरत वृद्धजनों को जानकारी देते हुए बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों के संरक्षण की आवश्यकता एवं संवैधानिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, अधिनियमित किया गया था। इस अधिनियम की महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि वरिष्ठ नागरिक जिस व्यक्ति की देखभाल और संरक्षण में है, उसके द्वारा वरिष्ठ नागरिक को परित्यक्त कर देना एक दण्डनीय अपराध है, जिसमें अधिकतम 3 माह की कैद अथवा 5 हजार रू. जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं। न्यायालयों में भी वरिष्ठ नागरिकों के मामलों को त्वरित निपटान की दृष्टि से प्राथमिकता दी जाती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भी नालसा (वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवा) योजना चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों के मूलभूत अधिकारों एवं लाभों को रेखांकित करना, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 12 के तहत पात्र वरिष्ठ नागरिकों के लिए मौजूदा विभिन्न विधिक प्रावधानों के लाभ प्राप्त करने में जिला एवं तालुका स्तर पर कानूनी सहायता एवं प्रतिनिधित्व प्रदान करना आदि है। सचिव द्वारा चिकित्सकीय सुविधाओं एवं चिकित्सकों की उपस्थिति एवं भोजन इत्यादि के संबंध में जानकारी प्राप्त कर वृद्धाश्रम के रजिस्टरों का आदि का निरीक्षण एवं अवलोकन किया गया। निरीक्षण के दौरान वृद्धाश्रम में साफ-सफाई पर्याप्त एवं उचित पाई गई।
वृद्वाश्रम निवाई का किया निरीक्षण
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