नई दिल्ली। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी अनंतिम आंकड़ों से पता चला है कि मई में भारत का औद्योगिक उत्पादन 1.2% बढ़ा है। अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन में सालाना आधार पर 2.7% की वृद्धि हुई, जो छह महीने का न्यूनतम स्तर है और मार्च में हुई 3% वृद्धि से कम है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष भारत की औद्योगिक वृद्धि धीमी रही है, तथा उपभोक्ता मांग ने आर्थिक परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है। वार्षिक आधार पर, वित्त वर्ष 2025 में आईआईपी की वृद्धि 4% रही, जो वित्त वर्ष 2024 में 5.9% की गति से कम थी। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के जरिये मापे जाने वाले औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर बीते वर्ष के मई माह में 6.3 प्रतिशत रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने अप्रैल के लिए औद्योगिक उत्पादन वृद्धि को भी संशोधित कर 2.6 प्रतिशत कर दिया, जबकि पिछले महीने इसके 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन वृद्धि इस साल मई में घटकर 2.6 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी महीने में 5.1 प्रतिशत थी। वहीं खनन उत्पादन में 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले इसमें 6.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। बिजली उत्पादन में 5.8 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 13.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-मई अवधि के दौरान औद्योगिक उत्पादन में सालाना आधार पर 1.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
मई में औद्योगिक उत्पादन 1.2% बढ़ा, जो पिछले वर्ष इसी महीने में 6.3% था
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