भारत की लॉजिस्टिक लागत दो साल में घटकर एकल अंक में आ जाएगी: गडकरी

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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की ‘लॉजिस्टिक’ लागत अगले दो साल में घटकर एकल अंक में आ जाएगी। नीति आयोग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि मंत्रालय कई राजमार्गों तथा एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रहा है, जिससे भारत की लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद मिलेगी। गडकरी ने कहा कि भारत के लिए वैकल्पिक ईंधन और जैव ईंधन के निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने निम्न गुणवत्ता वाले कोयला के मेथनॉल बनाने के लिए उपयोगी होने की बात को भी रेखांकित किया। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की ‘लॉजिस्टिक’ लागत अगले दो साल में घटकर एकल अंक में आ जाएगी। नीति आयोग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि मंत्रालय कई राजमार्गों तथा एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रहा है, जिससे भारत की लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद मिलेगी।

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उन्होंने कहा, ‘‘ दो वर्षों के भीतर हम अपनी लॉजिस्टिक लागत को नौ प्रतिशत तक कम करने जा रहे हैं।’’ आर्थिक शोध संस्थान ‘नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च’ (एनसीएईआर) के अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत में लॉजिस्टिक लागत सकल घरेलू उत्पाद के 7.8 प्रतिशत से 8.9 प्रतिशत के बीच थी। गडकरी ने कहा कि भारत के लिए वैकल्पिक ईंधन और जैव ईंधन के निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने निम्न गुणवत्ता वाले कोयला के मेथनॉल बनाने के लिए उपयोगी होने की बात को भी रेखांकित किया। मंत्री ने साथ ही कहा कि उनका लक्ष्य भारतीय मोटर वाहन उद्योग को विश्व में पहले स्थान पर लाना है। उन्होंने कहा कि भारत पिछले वर्ष जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मोटर वाहन बाजार बन गया था और केवल अमेरिका तथा चीन से पीछे था। गडकरी ने कहा कि भारत के मोटर वाहन उद्योग का आकार 2014 में 7.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 18 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। यह उद्योग अधिकतम संख्या में रोजगार सृजन कर रहा है।

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