रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर के रामबन इलाके में खड़े होकर सीधे पीओके की जनता को मैसेज दिया है। राजनाथ सिंह ने कहा है कि पीओके के लोगों को पाकिस्तान को छोड़कर भारत के साथ चले आना चाहिए। उन्होंने पीओके के निवासियों से कहा कि हम आपको अपना मानते हैं, जबकि पाकिस्तान आपको विदेशी मानता है। पाकिस्तान के लोग आपको फॉरेनर मानते हैं, लेकिन भारत के लोग आपको विदेशी नहीं मानते हैं। आइए हमारे साथ आइए। राजनाथ सिंह की बातों का साफ मतलब है कि पाकिस्तान के लोग पीओके को अपना नहीं मानते, लेकिन यहां के 140 करोड़ लोग पीओके को अपना अभिन्न हिस्सा मानते हैं। इसलिए पीओके के लोगों को अब आ जाना चाहिए। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से इस्लामाबाद में पीओके के लोगों का धरना प्रदर्शन देखने को मिला है।
लेकिन अब विरोध प्रदर्शन नहीं बल्कि आखिरी फैसला करने का वक्त है। राजनाथ सिंह के बयान का सीधा मतलब है कि पीओके के लोगों को खुद ही जंग की शुरुआत करनी होगी और फिर बाद में भारत की मदद मिलेगी। 53 साल पहले बांग्लादेश में भी ऐसा ही हुआ था। तब बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान हुआ करता था। तब मुक्ति वाहिनी ने पूर्वी पाकिस्तान को आजाद करने के लिए वहां की सेना के खिलाफ युद्ध किया था। बाद में भारतीय सेना की मदद से उनकी आजादी की जंग मंजिल तक पहुंच गई। फिर बांग्लादेश का जन्म हुआ। संभव है कि 2024 में पाकिस्तान की सड़कों पर 1971 के बांग्लादेश जैसी तस्वीरें दिखाई दे। लेकिन इतना साफ है कि पीओके के सुनहरे भविष्य का फैसला वहां के लोगों को ही करना होगा।