ओलंपिक भाला फेंक चैम्पियन नीरज चोपड़ा की अनुपस्थिति में भारत के शीर्ष ट्रैक और फील्ड एथलीट गुरुवार से यहां शुरू होने वाली राष्ट्रीय अंतर राज्यीय चैम्पियनशिप के दौरान पेरिस ओलंपिक स्थान हासिल करने के लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहेंगे। यह चार दिवसीय चैम्पियनशिप आगामी पेरिस ओलंपिक के लिए अंतिम क्वालीफाइंग टूर्नामेंट होगी।
सात जुलाई को होने वाली पेरिस डायमंड लीग में बहुत कम दिन बचे हैं तो चोपड़ा पंचकुला में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने पिछले महीने भुवनेश्वर में फेडरेशन कप में हिस्सा लिया था और स्वर्ण पदक जीता था। पिछले महीने भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने यह स्पष्ट कर दिया था कि पेरिस ओलंपिक के लिए चुने जाने के लिए चोपड़ा को छोड़कर अन्य सभी खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय अंतर राज्यीय चैम्पियनशिप में भाग लेना अनिवार्य होगा।
एएफआई के नियमों के अनुसार ओलंपिक, एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल जैसे टूर्नामेंट के लिए चुने जाने के लिए सभी खिलाड़ियों को राष्ट्रीय अंतर राज्यीय चैम्पियनशिप में भाग लेना होगा। महासंघ विशेष खिलाड़ियों या उनके कोचों के अनुरोध पर छूट दे सकता है। चोपड़ा की अनुपस्थिति में अविनाश साबले (पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज), किशोर जेना (पुरुषों की भाला फेंक), राम बाबू (पुरुषों की 20 किमी पैदल चाल) और पारुल चौधरी (महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज) चैम्पियनशिप में सुर्खियों में रहेंगे जिन्होंने क्वालीफाइंग मानक हासिल कर पेरिस ओलंपिक के लिए स्थान पक्का कर लिया है।
ज्योति याराजी (महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़), अन्नू रानी (महिलाओं की भाला फेंक), डीपी मनु (पुरुषों की भाला फेंक), तेजिंदरपाल सिंह तूर (पुरुषों की गोला फेंक), जेस्विन एल्ड्रिन (पुरुषों की लंबी कूद), प्रवीण चित्रवेल और अब्दुल्ला अबूबाकर (दोनों पुरुषों की त्रिकूद) जैसे खिलाड़ी विश्व रैंकिंग कोटा के जरिये पेरिस का टिकट कटा सकते हैं। एशियाई रिकॉर्ड धारी तूर ने मंगलवार को ‘पीटीआई’ को बताया कि उनके टखने में हल्का दर्द है और उनके डॉक्टर ने उन्हें तीन-चार हफ्तों तक गोला फेंकने से मना किया है। पर उनका नाम बुधवार को एएफआई की अपडेट की गई प्रवेश सूची में शामिल है।