भीषण चक्रवाती तूफान दाना बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है। चक्रवात के इस रुख से ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर मुसीबतों का पहाड़ टुट पड़ा है। सरकार ने इस चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। इसके तहत भारतीय वायुसेना के दो विमान बुधवार 23 अक्टूबर को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 150 कर्मियों और राहत सामग्री के साथ भुवनेश्वर पहुंचे है। यह जानकारी वायुसेना के एक अधिकारी ने दी है। एनडीआरएफ कर्मचारियों और राहत सामग्री के साथ आईएल 76, एएन 32 विमान भटिंडा भुवनेश्वर पहुंचा है।
एनडीआरएफ कर्मियों और राहत सामग्री को लेकर एक आईएल 76 और एएन 32 विमान भटिंडा से आये और आज सुबह भुवनेश्वर में उतरे। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, ‘चक्रवाती तूफान दाना’ के केंद्रपाड़ा या ओडिशा तट के भद्रक या बालासोर के बीच पहुंचने का अनुमान है। ओडिशा सरकार बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, मयूरभंज, जगतसिंहपुर और पुरी जिलों में अधिकतम प्रभाव की उम्मीद कर रही है। आईएमडी ने कहा कि पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव क्षेत्र 18 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ गया है और बुधवार सुबह 5:30 बजे अक्षांश 16.3 उत्तर और देशांतर 89.9 पूर्व पर केंद्रित हो गया है। यह दबाव का क्षेत्र पारादीप (ओडिशा) से 560 किमी दक्षिण-पूर्व में, सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) से 630 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व में तथा खेपुपारा (बांग्लादेश) से 630 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व में स्थित है।
यह दबाव क्षेत्र 24 अक्टूबर की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम में एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है तथा 24 अक्टूबर की रात और 25 अक्टूबर की सुबह के दौरान पुरी और सागर द्वीप के बीच ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों के उत्तर को एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में पार कर सकता है। इस दौरान हवा की गति 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे तथा हवा की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है।