काबुल। अफगानिस्तान की मदद के लिए भारत ने 16 टन से ज्यादा की दवा की खेप पहुंचाई है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने रविवार को घोषणा की है कि भारत ने मलेरिया, डेंगू और लीशमैनियासिस जैसी वेक्टर जनित बीमारियों से निपटने में मदद के लिए अफगानिस्तान को 16 टन से अधिक दवाएं पहुंचाई। तालिबान प्रवक्ता शराफत जमान ने कहा कि ये दवाइयां और डायग्नोस्टिक किट अफगानिस्तान के राष्ट्रीय मलेरिया और अन्य वेक्टर जनित रोग निवारण कार्यक्रम में सहायक होंगी। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा भेजी गई आपूर्ति अफगानिस्तान की मलेरिया, डेंगू और लीशमैनियासिस जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, तालिबानी प्रवक्ता जमान ने कहा, “भारत ने अफगानिस्तान को 16 टन से ज्यादा वेक्टर जनित रोग रोधी दवाइयां दान की हैं। भारत सरकार ने अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता का एक महत्वपूर्ण संकेत देते हुए लोक स्वास्थ्य मंत्रालय (एमओपीएच) को 16 टन से ज्यादा वेक्टर जनित रोग रोधी दवाइयां और डायग्नोस्टिक किट भेंट की हैं।” तालिबानी प्रवक्ता ने आगे कहा कि यह मदद अफगानिस्तान में स्वास्थ्य क्षेत्र को समर्थन देने और लोक स्वास्थ्य एवं रोग निवारण में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की भारत की निरंतर प्रतिबद्धता का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “ये दवाइयां और डायग्नोस्टिक किट सीधे तौर पर अफगानिस्तान के राष्ट्रीय मलेरिया और अन्य वेक्टर जनित रोग निवारण कार्यक्रम को सहायता प्रदान करेंगी। इन आपूर्तियों का उद्देश्य मलेरिया, डेंगू और लीशमैनियासिस जैसी बीमारियों से निपटने के लिए देश की क्षमता को बढ़ाना है, जो अफगानिस्तान के कई क्षेत्रों में गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियां बनी हुई हैं।” जमान ने कहा कि अफगानिस्तान के जन स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत सरकार की समय पर और बहुमूल्य सहायता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा, “मंत्रालय ने कहा कि ये दवाइयां और डायग्नोस्टिक किट जन स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और विशेष रूप से कमजोर और उच्च जोखिम वाले समुदायों में प्रभावी रोग नियंत्रण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। यह मदद अफगानिस्तान के साथ भारत की दीर्घकालिक साझेदारी और सहायता को दर्शाता है। जरूरी चिकित्सा आपूर्ति मुहैया करके, भारत इस क्षेत्र में स्वास्थ्य, स्थिरता और मानवीय सहयोग को बढ़ावा देने में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में अपनी भूमिका की पुष्टि करता है।” बता दें, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्ताकी ने अक्टूबर में पहली बार भारत का दौरा किया। इसके बाद ही भारत ने काबुल को मेडिकल हेल्प प्रदान की है। अपने भारत दौरे के दौरान अफगानी विदेश मंत्री ने 10 अक्टूबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की और दोनों ने अफगानिस्तान के विकास, द्विपक्षीय व्यापार, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता, लोगों के बीच संबंधों और क्षमता निर्माण के लिए भारत के समर्थन के अलावा कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की। वहीं विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि मुत्ताकी की भारत यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान को पांच एम्बुलेंस सौंपने की भी घोषणा की। 10 अक्टूबर को, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत ने भूकंप प्रभावित लोगों के लिए अफगानिस्तान को अतिरिक्त खाद्य सामग्री पहुंचाई है।

भारत ने अफगानिस्तान को भेजी मदद, 16 टन से ज्यादा दवा की खेप पहुंचाई
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