भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में इन दिनों प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर जमकर बवाल हो रहा है। शेख हसीना को पद से हटाने की मांग करते हुए अबतक देश में लगभग 100 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनकारी हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। रविवार को भी इस मामले पर बांग्लादेश में जमा करें हिंसा हुई है जिसमें 14 पुलिसकर्मी समेत कुल 100 लोग मारे गए हैं। इन हमलों में हिन्दू मंदिरों और हिंदुओं के घरों को निशाना बनाया जा रहा है। हालात इतने गंभीर है की देश में इंटरनेट पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। पूरे बांग्लादेश में कर्फ्यू लगाया हुआ है।
इन हमलों को देखते हुए भारत सरकार ने भी एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने लोगों से हिंसा प्रभावित जगहों पर यात्रा करने से मना किया है। बता दें कि बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने रविवार शाम छह बजे से देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया। सरकारी एजेंसियों ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’, ‘मैसेंजर’, ‘व्हॉट्सऐप’ और ‘इंस्टाग्राम’ को बंद करने का आदेश दिया है। मोबाइल प्रदाताओं को 4जी इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया गया है।
बांग्लादेश में तीन दिन की छुट्टी
इस बीच, प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि विरोध के नाम पर बांग्लादेश में तोड़फोड़ करने वाले लोग छात्र, नहीं बल्कि आतंकवादी हैं और उन्होंने जनता से ऐसे लोगों से सख्ती से निपटने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि इन आतंकियों से सख्ती से निपटा जाए।’’ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों के हवाले से अखबार ने खबर में बताया कि हसीना ने गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई। बैठक में सेना, नौसेना, वायुसेना, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी), बांग्लादेश सीमा गार्ड (बीजीबी) के प्रमुखों और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया। देशभर में जारी हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सोमवार, मंगलवार और बुधवार को तीन दिवसीय सामान्य अवकाश की घोषणा की है।

बांग्लादेश में जारी हिंसा, मंदिरों और घरों में तोड़ फोड़ के बाद अलर्ट पर भारत
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