उडुपी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के उडुपी में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भगवान श्री कृष्ण हमें नारी सुरक्षा और नारी सशक्तीकरण का ज्ञान सिखाते हैं और उसी ज्ञान की प्रेरणा से देश नारीशक्ति वंदन अधिनियम का ऐतिहासिक निर्णय करता है। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे कई नागरिकों की जान चली गई, जिनमें कनारा समुदाय के भाई-बहन भी शामिल हैं। जब ऐसी दुखद घटनाएं होती थीं, तो सरकारें अक्सर चुप रहती थीं, लेकिन यह नया भारत है। यह किसी के सामने नहीं झुकता, न ही अपने लोगों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटता है। हम शांति बनाना जानते हैं और हम इसकी रक्षा करना भी जानते हैं। प्रधानमंत्री ने भगवद्गीता के उदाहरण का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण ने गीता का संदेश युद्ध के मैदान पर दिया। गीता हमें यह सिखाती है कि सच्ची शांति कभी-कभी अन्याय का अंत करने से ही संभव होती है। यही विचार हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का मूल आधार भी है।
पीएम मोदी ने कहा, “हम वसुधैव कुटुम्बकम की भावना रखते हैं और साथ ही ‘धर्मो रक्षति रक्षितः’ के सिद्धांत का पालन करते हैं। श्री कृष्ण के उपदेश केवल युद्ध और सुरक्षा तक ही सीमित नहीं हैं। उनका संदेश हमारे सामाजिक और विकासात्मक प्रयासों में भी दिखाई देता है।
पीएम मोदी ने बताया कि आज देश की ‘सबका साथ-सबका विकास, सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय’ जैसी नीतियों के पीछे भी भगवान श्री कृष्ण के उपदेशों का गहरा प्रभाव है। श्री कृष्ण गरीबों की सहायता और समाज में न्याय के संदेश देते हैं। इसी मंत्र से आयुष्मान भारत और पीएम आवास जैसी योजनाओं का निर्माण हुआ।
प्रधानमंत्री ने नारी सुरक्षा और सशक्तीकरण पर भी श्री कृष्ण के संदेश को उद्धृत किया। उन्होंने कहा कि देश ने इसी ज्ञान से प्रेरणा लेकर नारी शक्ति वंदन अधिनियम का ऐतिहासिक निर्णय लिया। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित की गई हैं।

उडुपी में पीएम मोदी बोले, भगवद्गीता ने सिखाया-अन्याय का अंत करने से सच्ची शांति संभव
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