जयपुर। राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान उस समय हंगामा हो गया जब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री अविनाश गहलोत ने एक सवाल का जवाब देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी को कांग्रेसियों की दादी बता दिया। इससे नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत पूरा विपक्ष उत्तेजित हो गया। उत्तेजना में कांग्रेसी सदस्य आसन के पास तक पहुंच गए। अनहोनी की आशंका में आसन ने सदन की कार्यवाही पहले आधे घंटे और फिर दोपहर भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी।
इस तरह प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। हंगामे के बाद सत्तापक्ष के लोगों ने भी अपनी सीटों पर खड़े होकर एक साथ कड़ा प्रतिरोध जताया। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस के लोगों ने वैल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।सदन में हंगामा उस वक्त हुआ जब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा जवाब दिए जाने के बाद बीच में हस्तक्षेप करते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने उनसे कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण चाहा। इस पर जवाब देते हुए मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष पहले इसी विभाग के मंत्री थे। आपके समय भी योजनाएं बनी और आपने उनका नाम अपनी दादी इंदिरा गांधी के नाम पर रखा। इससे जूली उत्तेजित हो गए और मंत्री से माफी मंगवाए जाने की मांग करने लगे। इसी दौरान डोटासरा समेत कांग्रेस के अन्य सदस्य भी जूली के समर्थन में उतर आए।
सवाल अनीता भदेल का, पूछा दीप्ति माहेश्वरी नेः दरअसल, जिस सवाल पर विधानसभा में हंगामा हुआ वह मूल सवाल अजमेर की विधायक अनीता भदेल का था। लेकिन, उनकी अनुपस्थिति में यह सवाल राजसमंद से भाजपा विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने पूछा। इस सवाल में सरकार से जवाब चाहा गया था कि क्या जिला मुख्यालयों पर कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल एवं पेइंग गेस्ट हाउस सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बजट वर्ष 2024-25 में 35 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। यदि हां तो वर्ष 2024-25 में कितनी राशि व्यय की गई है। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि वर्ष 2024-25 में संभाग स्तर पर बालिका सैनिक स्कूल स्थापित किए जाने की घोषणा के तहत अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है।
कामकाजी महिला हॉस्टल के लिए 30 जिला मुख्यालयों पर जमीन आवंटितः इसके जवाब में मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि 30 जिला मुख्यालयों पर कामकाजी महिलाओं की हॉस्टल सुविधा के लिए जमीन आवंटित कर दी गई है। जबकि 11 जिला मुख्यालयों पर जमीन चिन्हित कर ली गई है। भूमि आवंटन प्रक्रियाधीन है। जहां तक संभाग स्तर पर बालिका सैनिक स्कूलों का मामला है तो यह कार्यवाही शिक्षा विभाग के माध्यम से की जाती है।