जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण बैठक, धरती आबा अभियान को मिली नई दिशा

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झालावाड़। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत 17 विभागों द्वारा विभिन्न गतिविधियों को संतृप्त स्तर तक क्रियान्वित करने के संबंध में आवश्यकता आंकलन, वर्तमान प्रावधान, अतिरिक्त प्रावधान की आवश्यकता, विस्तृत आयोजन व माइलस्टोन के साथ वार्षिक कार्य योजना तैयार किए जाने हेतु मंगलवार को मिनी सचिवालय के सभागार में बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शंभुदयाल मीणा ने संबधित विभागों के अधिकारियों से कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का उद्देश्य जनजातीय बहुल गाँवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों के लिए परिपूर्णता कवरेज अपनाकर जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना तथा उन्हें केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न लोक-कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर उनका लाभ दिलवाना है।
इस दौरान उन्होंने विभागवार सभी विभागों के अधिकारियों को अभियान के दौरान किए जाने वाले कार्यों से अवगत कराते हुए सभी अधिकारियों को अतिशीघ्र निर्धारित कार्य अनुसार प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए ताकि उक्त प्रस्तावों का अनुमोदन करवाकर राज्य सरकार को भिजवाए जा सके।
बैठक में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रामसिंह मीणा, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक के.सी. मीणा, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. टी.ए. बन्सोड, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक रामनिवास यादव, महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक सत्यनारायण नवारिया, अधिशाषी अभियंता जिला परिषद् बृजपाल सिह, आरसीएचओ डॉ. मुकेश नागर, डीपीएम राजीविका के.एम. वर्मा, पर्यटन अधिकारी सिराज कुरैशी सहित ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग तथा धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान से संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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