महाभारत के बर्बरीक कैसे बने कलियुग के खाटू श्याम, जानिए इससे जुड़ी रोचक कथा

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नई दिल्ली। खाटू श्याम बाबा को लेकर लोगों के मन में गहरी आस्था है। खाटू श्याम को भगवान श्रीकृष्ण का कलयुगी अवतार माना जाता है। बाबा श्याम के भक्त देश-विदेश के कोने-कोने में मौजूद हैं। वहीं उनको समर्पित मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक जो भी जातक सच्चे मन से खाटू श्याम के दर्शन और पूजा-अर्चना करता है, उसके सभी बिगड़े काम पूरे होते हैं और जातक की सभी मनोकामना पूरी होती है। हर साल कार्तिक महीने में खाटू श्याम के जन्मदिन को बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। खाटू श्याम के अवतरण दिवस के मौके पर मंदिर को बहुत खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है। वहीं इस दौरान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ भी लगती है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि बर्बरीक कैसे खाटू श्याम बने और इनका जन्मदिन कब मनाया जाता है।

खाटू श्याम का जन्मदिन
बता दें कि हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को खाटू श्याम का जन्मदिन मनाया जाता है। इस दिन को देव उठनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। तो वहीं कुछ मान्यताओं के मुताबिक फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर खाटू श्याम का अवतरण दिवस मनाया जाता है। क्योंकि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने खाटू श्याम को श्याम अवतार होने का वरदान दिया था।

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