जयपुर। उत्तर भारत पर सक्रिय वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के असर से सोमवार को राजस्थान के कई जिलों में बारिश का दौर जारी है। जयपुर, कोटा, बीकानेर, सीकर, अजमेर, श्रीगंगानगर और टोंक में सुबह से झमाझम बारिश हुई। कई जगहों पर सड़कों पर पानी भर गया, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सीकर में सुबह करीब साढे आठ बजे तक 40 मिलीमीटर बारिश हुई। सूरजपोल गेट एरिया में करीब एक फीट तक पानी भर गया और कई दुकानों में पानी घुस गया। प्लास्टिक की टंकियों से भरी एक पिकअप गड्ढे में पलट गई। बताया जा रहा है कि वहां सीसी सड़क का काम चल रहा था, और ड्राइवर को गड्ढा दिखाई नहीं दिया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी औसतन 18 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि धोद एरिया में सर्वाधिक 43 मिलीमीटर बारिश हुई। जयपुर में सुबह करीब साढ़े छह बजे बारिश शुरू हुई। मालवीय नगर, जेएलएन मार्ग, खातीपुरा रेलवे स्टेशन और चौमूं इलाके में तेज बारिश हुई। चौमूं में सुबह 5:15 बजे शुरू हुई बारिश करीब एक घंटे तक चली। कोटा में रविवार रात से ही कभी तेज तो कभी रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। बारिश से तापमान में गिरावट आई है और मौसम सुहावना हो गया है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में कटी हुई सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। अजमेर जिले के केकड़ी में सुबह बारिश करीब दस मिनट तक चली। किशनगढ़ में भी सवेरे नाै बजे बरसात शुरू हुई। बीकानेर में सुबह से लगातार बरसात हो रही है, जिससे तापमान 40 डिग्री से नीचे आ गया। श्रीगंगानगर में सोमवार सुबह 3:30 बजे से रिमझिम बारिश का दौर जारी है। बारिश ने इलाके में ठंडक बढ़ा दी है। उदयपुर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर रविवार देर रात पीपली-ए से ऋषभदेव टोल प्लाजा तक पानी भर गया, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही। टोंक जिले में भी कई जगह जलभराव की स्थिति बनी। देवली उपखंड के गांवड़ी ग्राम पंचायत में एक मकान में पानी भर गया, जिससे खाद के बैग खराब हो गए। मौसम विभाग ने सोमवार को नाै जिलों में ऑरेंज अलर्ट और 20 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में कहीं-कहीं ओले गिरने की भी संभावना जताई गई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले दो दिनों तक बारिश का दौर जारी रहेगा। इसके बाद नाै अक्टूबर से प्रदेश में मौसम साफ होने और धीरे-धीरे ड्राई कंडीशन बनने की संभावना है।

राजस्थान के छह से अधिक जिलों में झमाझम बरसात, कई जगह जलभराव
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