बालोतरा। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को शीतलहर से बचाव हेतु एडवाइजरी कर आमजन से शीतलहर से बचाव हेतु एडवाइजरी के पालना की अपील की।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वांकाराम चौधरी ने आमजन से कि अपील करते हुए कहा कि शीतलहर से बचाव हेतु एडवाइजरी में जारी की गई बातों का ध्यान रखें ताकि किसी भी प्रकार की आमजन को कोई परेशानी नहीं हो। उन्होने बताया कि शीतलहर से प्रभावित रोगियों में शरीर का ठण्डा पड जाना, शरीर का सुन्न पडना, नाडी का धीमा व मन्द पड जाना, रागेटे खड़े हो जाना व श्वसन तेज चलना आदि लक्षण पाये जाते है। रोगी द्वारा समय पर उपचार नहीं लेने पर रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
उन्होने बताया कि शीतलहर से प्रभावित रोगियों को बचाव के लिए जहां तक हो सके घर के बाहर कार्य हेतु दिन में निकले। स्वंय एवं बच्चों को ऊनी कपड़ों से ढ़के। फुटपाथ पर रहने वाले भ्रमणशील जातियां जैरो भिखारी, गाड़िया लुहार आदि रात्रि में रेन बसेरा, सार्वजनिक भवन, धर्मशालाओं में रहें। खुले स्थान पर न सोयें। रात्रि में बाहर कार्य करना एवं रहना आवश्यक हो तो अपने पास अंगीठी, आवश्यक लकड़ी व कूड़ा करकट जलाकर अलाप लगाकर तापने की व्यवस्था करें। शीतलहर में अधिकतर गर्म भोजन का सेवन करें और खाद्य पदार्थ जैसे गुड़, तिल, चिकनाई, चाय, कॉफी आदि का सेवन करें। शारीरिक श्रम अधिक करें, हो सके तो सुबह व्यायाम करें। तेल की मालिश करें। जिस व्यक्ति को शीत/शीतलहर का प्रभाव पड़ जाये उसे तत्काल कम्बल, रजाई आदि से ढ़कें, पास में अंगीठी, हीटर आदि जलाये। कमरे में ताजा हवा का रास्ता बन्द न करें, गर्म पेय पदार्थ गुड़, चाय, चिकनाई, कॉफी, तेल का अधिक उपयोग करें, गर्म पानी की थैली उपलब्ध हो तो उससे सेक करें। बाद में पास के चिकित्सालय में दिखाये, जहां तक हो सके गर्म पानी से नहाये। शीत / शीतलहर से प्रभावित होने पर व्यक्ति को शीघ्र ही नजदीकी चिकित्सा संस्थान में उपचार हेतु ले जायें एवं ले जाने की सलाह देंवे।