पंजाब से अलग होने के बाद हरियाणा अस्तित्व में तो आया। लेकिन इस राज्य की पहचान सिर्फ रेतीले और कीकर के जंगलों के प्रदेश के तौर पर थी। जहां पर बुनियादी सुविधाओं की खासी कमी थी। लेकिन वर्तमान समय में हरियाणा आधारभूत ढांचे से लेकर खेल, शिक्षा, संस्कृति सहित विकासात्मक गतिविधियों में दूसरे राज्यों के लिए नजीर बन रहा है। हालांकि प्रदेश ने अपने इस लंबे सफर में अनेकों उतार-चढ़ाव देखें। लेकिन कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। विकसित राज्यों में आज हरियाणा पहले पायदान पर है।
बता दें कि 23 अप्रैल 1966 को पंजाब राज्य को विभाजिक करने और हरियाणा राज्य की सीमाओं को निर्धारित करने के लिए भारत सरकार ने जे.सी. शाह की अध्यक्षता में शाह कमीशन की स्थापना की। फिर 31 मई 1966 को कमीशन ने अपनी रिपोर्ट जारी की। फिर गुडगांव, रोहतक, करनाल, महेंद्रगढ़ और हिसार जिलों को नये राज्य हरियाणा का भाग बनाया गया। इसमें अम्बाला और जगाधरी, संगरूर जिले की जींद और नरवाना तहसील और नारैनगढ़ तहसील को शामिल किया गया।

दलबदल राजनीति के लिए जाना जाता है हरियाणा, पंजाब से अलग होकर अस्तित्व में आया
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