हर्षिता महनोत ने प्राप्त की आईएस परीक्षा में 766वीं रैंक

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मदनगंज किशनगढ़। संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में किशनगढ़ की बेटी ने हर्षिता महनोत ने शहर का मान बढ़ाया है। उसने आईएस परीक्षा में 766वीं रैंक प्राप्त की है। हर्षिता ने दूसरे ही प्रयास में यह सफलता प्राप्त की है। हर्षिता ने सरकारी नौकरी करते हुए यह मुकाम पाया है। ऐल्विनिज्म से ग्रसित होने के कारण उसे पढ़ने में दिक्कत होती भी। इसे उसने बाधा नहीं भाना इसे ही हिम्मत बनाया। हर्षिता महनोत का चयन आरएएस 2021 की परीक्षा में हुआ था। 2024 में हर्षिता बिजयनगर कृषि उपज मंडी की सचिव के रूप में नौकरी शुरू की। इस दौरान ही दूसरी बार यूपीएससी परीक्षा देने का निर्णय किया। हर्षिता ने स्वयं के स्तर पर पढ़ाई शुरू की। हर्षिता ने बताया कि नौकरी के दौरान घंटों पढ़ाई करना कठिन तो था। लेकिन मैं रोज रात को दूसरे दिन क्या और कितना पढ़ना है। इसका टारगेट सेट करके रखती थी। इसलिए सुबह से यही उद्देश्य रहता था। पढ़ाई में यह करना है। इसी तरह से रीजनिंग, सामान्य ज्ञान और समाजशास्त्र की पढ़ाई करती। हर्षिता ऐल्बिनिज्म (सूर्यमुखी) से ग्रसित है। इसलिए उसे पढ़ने में उसे दिक्कत रहती हैं। जितना एक सामान्य व्यक्ति एक घंटे में पढ़ता है। उतना ऐसे लोग दो घंटे में पढ़ पाते हैं। लेकिन हर्षिता ने इस खामी को अपनी ताकत बनाया। उसने पढ़ाई में तकनीक का प्रयोग किया। हर्षिता ने बताया कि वह ऑनलाइन टेक्स्ट पढ़ने के लिए फॉट साइज बढ़ा लेती। कुछ एप में स्क्रीन रीडिंग फीचर का भी प्रयोग करती। प्रतिदिन 10 घंटे पढ़ाई करती। इससे वह सामान्य लोगों के मुकाबले ज्यादा तेजी से पढ़ने लगी। इस दौरान उसके पिता सुनील मेहनोत, मम्मी इंदू मेहनत भाई हर्ष महनोत ने भी पूरा साथ दिया।

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