सितंबर में जीएसटी परिषद का महामंथन, बड़े बदलावों की संभावना, हट सकता है 12% का स्लैब

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नई दिल्‍ली। सरकारी सूत्रों के अनुसार, सितंबर में जीएसटी परिषद की दो दिवसीय बैठक होने की संभावना है, जिसमें प्रमुख कर सुधारों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के भाषण में ‘अगली पीढी का जीएसटी सुधार’ पेश करने की घोषणा के बाद हो रही है। प्रधानमंत्री ने इसे दिवाली का तोहफा बताया, जिससे आम जनता और छोटे उद्योगों को लाभ मिलेगा। 12% जीएसटी स्लैब को हटाना: 12% के स्लैब में आने वाली वस्तुओं को 5% और 18% के स्लैब में फिर से बांटा जाएगा। इससे कर प्रणाली और सरल होगी। स्वास्थ्य और जीवन बीमा दरों में कमी: इन आवश्यक सेवाओं को अधिक किफायती बनाने के लिए इनकी कर दरों को युक्तिसंगत बनाया जाएगा। आवश्यक वस्तुओं पर कर में कमी: रोजमर्रा के जीवन में उपयोग होने वाली कई वस्तुओं पर कर की दरों में समायोजन किया जाएगा, जिससे वे सस्ती होंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सुधारों से एमएसएमई (MSMEs) को लाभ होगा, दैनिक जरूरत की वस्तुएं सस्ती होंगी और अर्थव्यवस्था को भी बढावा मिलेगा। वर्तमान में, जीएसटी की पांच मुख्य दरें हैं, 0%, 5%, 12%, 18% और 28%। 12% और 18% स्लैब को मानक दर माना जाता है। प्रस्तावित सुधारों का उद्देश्य उपभोग को बढाना और आर्थिक विकास को गति देना है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि भले ही शुरुआत में राजस्व में कुछ कमी आए, लेकिन बढी हुई बिक्री और बेहतर अनुपालन से यह संतुलित हो जाएगा। यह कदम उद्योग और राज्य सरकारों की लंबे समय से चली आ रही मांगों के अनुरूप है। सुधारों को दिवाली से पहले लागू किए जाने की संभावना है।

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