महाराणा प्रताप स्मारक समिति के कार्यक्रम में राज्यपाल ने महाराणा प्रताप को श्रद्धासुमन अर्पित किए

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जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की आजादी के लिए राजपाट और महलों का वैभव त्याग कर जंगलों में रहना स्वीकार किया। वे भारत के आजादी आंदोलन के महानायक थे। राज्यपाल शनिवार को सलूम्बर जिले में स्थित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की पुण्यस्थली बांडोली (चावंड) में महाराणा प्रताप स्मारक समिति की ओर से महाराणा प्रताप की 428वीं पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेवाड़ के महाराणा प्रताप और महाराष्ट्र के शिवाजी महाराज ने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र की आराधना में समर्पित किया। उन्होंने कहा कि स्टैचू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर यहां भी स्टैचू ऑफ इंडिपेंडेंस स्थापित किया जा सकता है। इससे इस स्थान पर पर्यटक आकर्षित होंगे तथा महाराणा के जीवन से प्रेरणा ले पाएंगे।

उन्होंने मुहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच हुए घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान शूरवीरों की धरती है। महाराणा की इस पुण्य धरा पर आने से मैं भी धन्य हुआ हूं। इससे पहले राज्यपाल ने बांडोली स्थित महाराणा प्रताप की छतरी पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। राज्यपाल ने मां चामुंडा के दर्शन कर सबके मंगल की कामना की राज्यपाल ने हेलीपेड के समीप स्थित चामुंडा माता मंदिर में पूजा अर्चना की और सबके मंगल की कामना की।

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