जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में नामांकन और परीक्षा ही एक मात्र ध्येय नहीं होना चाहिए। वहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए निरंतर कार्य हो, इसके प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में यह किया गया है कि जिस कॉलेज में सुविधा नहीं, अच्छे शिक्षक रखने की क्षमता नहीं है तो उसे बंद किया जाता है। यही व्यवस्था सभी स्थानों पर होनी चाहिए। उन्होंने एक वर्ष पहले राज्य में सभी विश्वविद्यालयों के नेक एक्रीडेशन के लिए हुई पहल की चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय को सफलता मिली हैं। प्रयास करें जल्द दूसरे विश्वविद्यालय भी इस सम्बन्ध में निर्धारित औपचारिकताएं पूरी कर आगे बढ़ें।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में पाठयपुस्तकों के अलावा भी दूसरे विषयों का सम—सामयिक ज्ञान विद्यार्थियों को दिया जाए। इसी से शिक्षा युगानुकुल हो सकेगी। उन्होंने शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थियों की बौद्धिक और शारीरिक क्षमता में वृद्धि के लिए विद्यार्थियों को कॉपी करके पास होने की प्रवृति की बजाय शिक्षकों द्वारा परिवेश की समझ, भारतीय प्राचीन ज्ञान की समृद्ध दृष्टि और आधुनिक विकास से जुड़े समय संदर्भों की जानकारी से समृद्ध किए जाने पर जोर दिया।
राज्यपाल : बागडे ने विश्वविद्यालयों के नेक एक्रीडेशन और उच्च शिक्षा में गुणवत्ता से सम्बन्धित विशेष समीक्षा बैठक ली
ram


