परिन्दों के लिए ‘ऑपरेशन फ्री स्काई’ शासन सचिव पशुपालन विभाग ने किया विशेष पोस्टर का विमोचन

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जयपुर। प्रदेश में पशु कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत वर्ल्ड संगठन, पशुपालन विभाग, एनिमल वैल्फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड तथा जयपुर जिला पशु क्रूरता निवारण समिति के संयुक्त तत्वावधान में 14 जनवरी को मकर संक्रान्ति के अवसर पर पतंगों की डोर से घायल परिन्दों को बचाने के लिए ‘‘आपरेशन फ्री स्काई’’ अभियान चलाया जा रहा है। इस अवसर पर विद्यार्थियो एवं आमजन को इस मुहिम मे सक्रिय रूप से जोडने के उद्देश्य से शासन सचिव पशुपालन, मत्स्य एवं गोपालन विभाग डॉ. समित शर्मा तथा राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के सदस्य एवं भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के प्रतिनिधि मनीष सक्सेना ने ‘‘ऑपरेशन फ्री स्काई’’ अभियान पर विशेष पोस्टर का विमोचन किया।

इस अवसर पर शासन सचिव पशुपालन, मत्स्य एवं गोपालन विभाग डॉ. समित शर्मा ने कहा कि परिन्दों के आसमान मे उड़ने की आजादी में हमें बाधक नहीं बनना चाहिए क्योंकि आसमान मे उड़ने का पहला अधिकार परिन्दों का है। उन्होंने कहा कि मकर संक्रान्ति के अवसर पर घायल परिन्दों को बचाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए। डॉ. समित शर्मा ने समस्त शहरवासियो से अपील की है कि पक्षियो के उड़ने के पीक आवर्स सुबह 6 से 8 और शाम 5 सेे 7 बजे के बीच पतंगबाजी न करें और चाइनीज मांझे से पतंग न उड़ायें।

राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के सदस्य मनीष सक्सेना ने बताया कि मकर संक्रान्ति के पर्व पर उड़ाई जाने वाली पतंगों की डोर में फंसने से हजारों पक्षी घायल हो जाते हैं तथा चिकित्सकीय सुविधा के आभाव में दम तोड़ देते हैं। मनीष सक्सेना ने नागरिकों से अपील की है कि वह घायल परिंदो को तुरन्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में मदद करें। मासूम परिंदो को बचाने के लिए पशुपालन विभाग एवं वर्ल्ड संगठन शहरवासियों को इस मुहिम से जोडकर घायल पक्षियों को तुरन्त प्राथमिक उपचार दिलवाने मे सहायता प्रदान कर रहा है जिसके लिए क्षेत्रीय बर्ड रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए गए हैं।

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक एवं जिला पशु क्रूरता निवारण समिति के सदस्य सचिव डॅा. हनुमान सहाय मीणा ने बताया कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ‘क्षेत्रीय बर्ड रेस्क्यू सेन्टर’ बनाए गए हैं जिसमें पशुचिकित्सक तथा पक्षी मित्र अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। साथ ही समस्त शहरवासियों से अपील की जाती है कि घायल पक्षी दिखने पर वह सम्बन्धित क्षेत्र के ‘क्षेत्रीय पशु चिकित्सालय’ में प्रातः 9 से 6 बजे तक उन्हें पहुँचाकर उपचार दिलवाएं।

पशुपालन विभाग के उपनिदेशक, पॉली क्लिनिक डॅा. जितेन्द्र राजोरिया ने बताया कि घायल पक्षियों के मौके पर उपचार हेतु ‘मोबाईल यूनिट’ का भी गठन किया गया है जिसमें प्रभारी वरिष्ठ पशुचिकित्सक डॅा. प्रदीप सोठवाल एवं पशुचिकित्सक डॅा. दलसिंह मीणा, योगेंद्र शर्मा, प्रिया भीलवाऱा तथा विमलेश जाट अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे।

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