नई दिल्ली । कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने मंगलवार को राज्यसभा में मनरेगा योजना का विषय उठाया। उन्होंने शून्यकाल में बोलते हुए कहा कि मनरेगा योजना को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने इस पर अपनी चिंता जाहिर की।सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर इस योजना को व्यवस्थित रूप से कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संघीय बजट में इस योजना के लिए कम धन आवंटित किया गया है।सोनिया गांधी ने राज्यसभा में अपनी बात रखते हुए कहा, “मैं आपका ध्यान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत रोजगार के अधिकार की ओर आकर्षित करना चाहती हूं।
इस योजना को यूपीए सरकार के कार्यकाल में डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लागू किया गया था। यह ऐतिहासिक कानून लाखों ग्रामीण गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा चक्र साबित हुआ है।”मनरेगा योजना की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, “मुझे इस बात की गहरी चिंता है कि वर्तमान भाजपा सरकार ने इस योजना को व्यवस्थित रूप से कमजोर किया है और बजट आवंटन 86,000 करोड़ रुपए पर स्थिर रहा है। वास्तविकता में आवंटित बजट में 4,000 करोड़ रुपए की कमी आई है। इसके अलावा, अनुमान है कि लगभग 20 प्रतिशत आवंटित राशि पिछले सालों के बकाया भुगतान को निपटाने में खर्च हो जाएगी।”
सदन में आगे बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इस योजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि आधार-आधारित भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली की अनिवार्यता। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत मिलने वाले वेतन भुगतान में लगातार देरी हो रही है और मुद्रास्फीति के हिसाब से लोगों को मिलने वाली मजदूरी दर अपर्याप्त है।



