चंडीगढ़। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि शासन और प्रशासन की लापरवाही के चलते किसानों की मेहनत कुछ ही घंटों की बारिश, आंधी और ओलावृष्टि में खेतों में खड़ी फसलों और मंडियों में रखे गेहूं को भारी नुकसान हुआ। सरकार को बिना देरी किए तुरंत विशेष गिरदावरी करवाकर नुकसान का निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन करवाया जाए और प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा और राहत राशि प्रदान की जाए। इसके साथ ही मंडियों में फसलों की सुरक्षित भंडारण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। किसान देश का अन्नदाता है। उसकी पीड़ा पर संवेदनशीलता और तत्परता से कार्य करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा में शुक्रवार दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट ली और तेज आंधी के साथ जोरदार बारिश शुरू हो गई। कई इलाकों में ओलावृष्टि भी हुई। सिरसा सहित 13 जिलों में बारिश और ओलावृष्टि ने गेहूं और सरसों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। खेतों में खड़ी फसलें और अनाज मंडियों में रखी उपज भीगने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया।सिरसा के अलावा फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, महेंद्रगढ़, कैथल, रेवाड़ी, सोनीपत, यमुनानगर, झज्जर, कुरुक्षेत्र, फरीदाबाद, करनाल और जींद में भी बारिश और आंधी ने फसलों को प्रभावित किया है। फतेहाबाद में सरसों की बोरियां और गेहूं की फसल भीगने से किसान परेशान हैं। इसके साथ ही गेहूं कटाई के काम को बाधित किया। सिरसा में सर्वाधिक 16 एमएम बरसात हुई और जिला में मंडियों में पड़ा करीब 95 प्रतिशत गेहूं भीग गया।
कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश सरकार अमूमन एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू करती है उससे कई माह पहले ही वह गेहूं खरीद की तैयारियों में जुट जाती है, मंडियों और खरीद केंद्रों पर खरीद के समुचित प्रबंध के साथ साथ किसानों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखते हुए तैयारियां की जाती है पर इस बार सारी तैयारियां कागजों में ही कई धरातल पर कोई काम हुआ ही नहीं है और पहली ही बारिश ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी अगर प्रशासन की ओर से सारे प्रबंध किए गए होते तो आज मंडी में किसानों का गेहूं न भीगता। हरियाणा का मौसम विभाग पहले ही सरकार और आम व्यक्ति को सूचित कर देता है कि कब मौसम खराब रहेगा, कब बारिश होगी, ओलावृष्टि हो सकती है बावजूद इसके शासन और प्रशासन कोई उचित कदम नहीं उठाता है।