सहरसा। रामनवमी के पावन अवसर पर बिहार के सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर में आपसी सौहार्द और भाईचारे की एक सुंदर मिसाल देखने को मिली। बनमा इटहरी स्थित माँ कात्यायनी दरबार से निकली भव्य शोभायात्रा जब पहाड़पुर और रंगिनिया होते हुए रानीहाट पहुंची, तो वहां का नज़ारा दिल जीत लेने वाला था।नगर परिषद सभापति प्रतिनिधि हस्सान आलम और उनके समर्थकों ने मुस्लिम समुदाय की ओर से राम भक्तों का स्वागत किया। सिर पर टोपी लगाए हस्सान आलम स्वयं अपने हाथों से राम भक्तों को पानी और शरबत पिलाते नजर आए। शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को रास्ते में रोका गया, और उन्हें ठंडा शरबत पिलाकर राहत दी गई।
बताया गया कि रामनवमी के उपलक्ष्य में नगर परिषद सभापति प्रतिनिधि की ओर से विशेष रूप से शरबत और पानी का स्टॉल लगाया गया था, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग बढ़-चढ़कर शामिल हुए। उन्होंने सेवा भाव से राम भक्तों की सेवा की और यह संदेश दिया कि देश की एकता और भाईचारा ही हमारी असली पहचान है।इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि सिमरी बख्तियारपुर ने एक बार फिर गंगा-जमुनी तहज़ीब की परंपरा को जीवंत कर दिखाया है। हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के इस आपसी प्रेम और सहयोग ने समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया है।



