गडरा रोड : अघोषित बिजली कटौती की हदें पार कर रहा है इस सीमा क्षेत्र में डिस्कॉम, अधिकारी अवकाश का बहाना करके अपने घर चले जाते है, भुगत रही है जानता

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गडरा रोड। राजस्थान के पश्चिमी बाड़मेर जिले कै सीमावर्ती उप खंड गडरा रोड स्थित कस्बे के लोग तो इस विद्युत विभाग की अघोषित बिजली कटौती से परेशान हो गए हैं कई बार ग्रामीणों ने जोधपुर डिस्कॉम के सेक्रेटरी एवं प्रबंधक निर्देशक को अवगत भी करवा दिया लेकिन गडरा रोड डिस्कॉम ने हद से ज्यादा लापरवाही का अघोषित विद्युत कटौती पर कटौती की जा रही है जबकि विद्युत सप्लाई काटने से पूर्व उपभोक्ताओं को सूचित किया जाता है राजस्थान विद्युत अधियम 2003 के तहत अघोषित विद्युत कटौती पर प्रत्येक घंटे के लिए₹50 जुर्माना किया जाता है तथा विभागीय अधिकारी अपने कर्मचारियों अधिकारियों को बचाने के लिए आए दिन गडरा रोड स्थित आधा आधा दिन तक विद्युत कटौती रहती है बिना किसी सूचना के तथा इतना ही नहीं विद्युत उपकरण की क्षमता से ज्यादा कनेक्शन जोड़ दिए गए हैं जो कि वह कारण लोड तक नहीं ले रहा है कई ऐसी लाइन है फलत पड़ी है जहां पर तीन-तीन दिन से विद्युत सप्लाई तक नहीं हो रही है फिर भी डिसकॉम के अधिकारी शुक्रवार को दोपहर से मुख्यालय छोड़ चुके हैं कोई अधिकारी गडरा रोड में उपस्थित नहीं है जिनको लोग जाकर शिकायत करें सिर्फ एक कर्मचारी के भरोसे पूरे 274 गांव की लाइन छोड़ दिया गया है आज रविवार को दोपहर 2: 14 पर बिजली कटौती की गई है जो 4 बजे के बाद वापिस सप्लाई चालु की गई है ऐसे मॉर्निंग में भी एक दो बार गडरा रोड कस्बा में ही विद्युत कटौती की गई है ऐसे में कई गांवों में पुरानी विद्युत लाइन फाल्ट पड़ी हुई पड़ी है परंतु इस गडरा रोड स्थित डिस्कॉम के अधिकारियो को परवाह तक नहीं है ऐसे में जानता तो इस विद्युत विभाग की अघोषित विद्युत कटौती की शिकायत कर बेशर्मी महसूस कर रही है परंतु गडरा रोड डिस्कॉम के अधिकारी उससे भी शर्म की हद पार गए हैं ना इनके कहने पर कर्मचारी काम करते हैं ना अधिकारियो की आंख खुली रही है पिछले कई दिनों से गडरा रोडकी जानता अघोषित विद्युत कटौती से परेशान हो रही उधर आधिकारी अपने परिवार के साथ ऐसी और कूलर का आनंद लें रहे हैं वही गडरा रोड में बारिश के बूंद गिरने पर गडरा रोड विद्युत् सप्लाई ट्रिपिंग या बंद होना जरूरी हो गया है लेकिन आधिकारी इन्वेटर ओर अन्य उपकरण लगा कर सो जाते है इधर जानता उकने सोने तक जागती रहती है यह कहावत चरितार्थ करती है इधर लोक सेवक बनकर जानता की सेवा करते हैं आधिकारी परन्तु यहां उल्टा हो रहा है जानता इनकी सेवा में समर्पित हो कर कर रही है। इसे कहते अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा की कहावत चरितार्थ करती है।

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