नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को लोगों से अपील की कि वे धर्म-काज से मंत्री-नेताओं को दूर रखें। धर्म की आड़ में राजनीति समाज के लिए नुकसानदायक है। गडकरी नागपुर में महानुभाव पंथ के सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञ जहां घुसते हैं, आग लगाए बिना नहीं रहते। सत्ता के हाथ में धर्म को देंगे तो हानि ही होगी। गडकरी ने कहा कि धर्म कार्य, समाज कार्य और राजनीति कार्य अलग-अलग हैं। धर्म व्यक्तिगत श्रद्धा का विषय है। कुछ राजनीतिज्ञ इसका इस्तेमाल करते हैं। इससे विकास और रोजगार का विषय दोयम दर्जे का हो जाता है।
गडकरी बोले-चक्रधर स्वामी की शिक्षाएं सभी लिए प्रेरणा
गडकरी ने कहा कि महानुभाव पंथ के संस्थापक चक्रधर स्वामी की शिक्षाएं सभी के जीवन के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने बताया कि व्यक्ति में बदलाव उसके संस्कारों से आता है। चक्रधर स्वामी ने सत्य, अहिंसा, शांति, मानवता और समानता के मूल्य सिखाए। उन्होंने कहा कि जीवन में सत्य का पालन करना चाहिए और किसी को दुख नहीं पहुंचाना चाहिए। गडकरी ने समाज में ईमानदारी, विश्वसनीयता और समर्पण जैसे मूल्यों को बेहद जरूरी बताया। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राजा (शासक) को ऐसा होना चाहिए कि कोई उसके खिलाफ बात करे, तो उसे बर्दाश्त करे। आलोचनाओं का आत्मचिंतन करे। यही लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा होती है। गडकरी ने ये बातें पुणे में शुक्रवार को MIT वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कही।