राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी ने जल जीवन मिशन के ठेकेदारों से रिश्वत ली थी : ईडी

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कुछ ठेकेदारों से निविदा राशि का 2-3 प्रतिशत ‘‘रिश्वत’’ के रूप में ले रहे थे।कांग्रेस नेता को संघीय जांच एजेंसी ने बृहस्पतिवार को जयपुर में लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। लोक स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के पूर्व मंत्री फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं।गिरफ्तारी के बाद जयपुर में ईडी कार्यालय के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए जोशी ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से साफ इनकार किया। ईडी का कथित धन शोधन मामला राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक प्राथमिकी से उपजा है, जिसमें आरोप लगाया गया था।
श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के महेश मित्तल और अन्य लोग अवैध संरक्षण प्राप्त करने, निविदाएं और बिल स्वीकृत कराने तथा विभिन्न पीएचईडी निविदाओं में उनके द्वारा निष्पादित कार्यों के संबंध में अनियमितताओं को छिपाने के लिए लोक सेवकों को ‘‘रिश्वत’’ देने में संलिप्त थे।इसमें दावा किया गया है कि संदिग्ध लोग पीएचईडी ठेके हासिल करने के लिए इरकॉन द्वारा जारी किए गए ‘‘फर्जी’’ कार्य अनुभव प्रमाणपत्रों के इस्तेमाल में भी शामिल थे।ईडी ने दावा किया, ‘‘महेश जोशी ने अपने करीबी सहयोगी संजय बदया के साथ मिलीभगत करके जेजेएम कार्यों से संबंधित निविदाएं देने और विभिन्न अनियमितताओं को छिपाने के लिए पदमचंद जैन और महेश मित्तल जैसे ठेकेदारों से अनुचित लाभ प्राप्त किया।’’ जांच एजेंसी ने दावा किया, ‘‘वह पक्ष लेने और विभिन्न अनियमितताओं को छिपाने के लिए इन ठेकेदारों से निविदा राशि का 2-3 प्रतिशत रिश्वत के रूप में ले रहे थे।

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