जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में की गई डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की टिप्पणी की कड़ी निंदा की है। गहलोत ने इसे निंदनीय बताते हुए आरोप लगाया कि भा.ज.पा. की विचारधारा संविधान और अंबेडकर के विचारों के खिलाफ है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी, पहले भी इसी सोच का विरोध करते रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विपक्षी दलों के लिए यह टिप्पणी भा.ज.पा. के संविधान विरोधी एजेंडे की ओर इशारा करती है।
गहलोत ने बयान दिया कि अमित शाह की टिप्पणी न केवल संविधान के प्रति भा.ज.पा. की सोच को उजागर करती है, बल्कि यह बाबासाहेब अंबेडकर के योगदान को भी नकारने की कोशिश करती है। कांग्रेस का आरोप है कि यह मानसिकता संविधान के मूलभूत सिद्धांतों को बदलने की दिशा में एक खतरनाक कदम हो सकती है।विपक्षी नेताओं का मानना है कि इस टिप्पणी ने देश की सांप्रदायिक और सामाजिक एकता को खतरे में डालने वाली राजनीति की ओर इशारा किया है। गहलोत ने मांग की कि गृह मंत्री अमित शाह अपनी टिप्पणी पर माफी मांगें। इस मुद्दे पर बढ़ती बहस भारतीय राजनीति में संविधान और धर्मनिरपेक्षता के सवाल को फिर से एक प्रमुख विमर्श के रूप में उभार सकती है।



