
छाण . खंडार उपखंड मुख्यालय के बानीपुरा गांव में रुक्मणि देवी की 6 बीघा जमीन पर वन विभाग द्वारा अतिक्रमण करने का ग्रामीणों ने आरोप लगाया है। प्रार्थी रुक्मणि देवी का कहना है हमने भूमि की तरकीर जांच करने के लिए तहसीलदार को भी अवगत करवा दिया है उक्त ज्ञापन में बताया कि कि बानीपुर बीट पटवारी हल्का बरनावदा का मामला जिसमे रुक्मणी w/o रमेश मथुरिया, रंगा s/o जेल्या बैरवा, रामप्रसाद ,मदन, शंभू,मूलचंद s/o हरदेवा बैरवा की खातेदारी जमीन है जिस पर इन सब के द्वारा कोर्ट केस कर रखा है इसके बावजूद भी वन विभाग द्वारा खातेदारी जमीन पर वन विभाग द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है और इनको आए दिन वन विभाग द्वारा धमकी दी जाती है विवादित जमीन का 6 तारीख को कोर्ट द्वारा वन विभाग को नोटिस जारी भी कर दिया गया कि वन विभाग इस संबध में 7 अक्टूबर को कोर्ट में उपस्थित हो लेकिन वन विभाग को नोटिस मिलने के बाद भी 6 अक्टूबर रात के समय पीछे से नीव खोद गई और उसमें वन विभाग के द्वारा सुरक्षा दीवार बनाने का प्रयास किया जा रहा है जिसको लेकर खातेदारी किसानो की चिंता बढ़ती जा रही है किसान रमेश मथुरिया ने बताया कि कर्मचारियो को इस बारे में मना किया जाता है तो वन विभाग के कर्मचारी राज कार्य में वादा डालने का दवाब देते हैं जिससे खेत के मालिकों में डर का माहौल बना हुआ है किसानों के द्वारा इस पर अमल करके उचित कार्रवाई करने की मांग की गई।
वन विभाग का कहना है।
वन विभाग अधिकारी विष्णू गुप्ता रेंजर का कहना है कि ये हमारी भूमि है। इस भूमि पर किसानों ने अतिक्रमण कर रखा है। इसकी पहले जांच हो गई है वन विभाग व पटवारी पूजा मथुरिया ने मिलकर नापतोल की जिसमें ये भूमी वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आई है। ग्रामीणों के सभी आरोप वे बुनियाद है। हम 7अक्टूबर को कोर्ट में उपस्थित होंगे।
पटवारी का कहना है
पटवारी पूजा मथुरिया का कहना है की इसकी मौका मुहायना स्थल पर पहुंचकर नापतोल की कोई जांच नही हुई है। मौखिक रूप से 6 महीने पहले मुझे तहसीलदार साहब ने मौका मुआयना स्थल पर वन विभाग के साथ जाकर जांच के लिऐ बोला था वन विभाग ने मुझे केवल मौखिक रूप से कुछ जीपीएस नक्सा दिखाया है। मोका मुहायना स्थल पर जमीन की कोई जांच नही हुई है। हमारे रिकॉर्ड के अनुसार ये रेवन्यू विभाग खातेदारी की है।
ओर वर्तमान में मुझे इस बारे में सूचित नही किया गया है ।


