मिलावटी दूध के खिलाफ खाद्य सुरक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, 1100 लीटर नकली दूध नष्ट

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कोटपूतली। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग ने कोटपूतली-बहरोड़ क्षेत्र में मिलावटी दूध बनाने और वितरित करने के गोरखधंधे पर बड़ी कार्रवाई करते हुए दो नकली डेयरियों का भंडाफोड़ किया है। नागड़ीवास गांव में स्थित वासुदेव डेयरी और काव्या दूध डेयरी पर छापेमारी कर कुल 1100 लीटर मिलावटी दूध समेत 65 किलो मिल्क पाउडर, 40 किलो वनस्पति और 10 किलो सिंथेटिक पेस्ट मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।
यह कार्रवाई आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रक, अतिरिक्त आयुक्त खाद्य सुरक्षा, कोटपूतली जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल, एडीएम डॉ. ओमप्रकाश सहारण और सीएमएचओ डॉ. आशीष सिंह शेखावत के निर्देश पर की गई। जांच दल का नेतृत्व खाद्य सुरक्षा अधिकारी शशिकांत शर्मा और नेहा शर्मा ने किया। मौके पर बीसीएमओ पूरणमल गुर्जर भी उपस्थित रहे।
गांव नागड़ीवास में स्थित वासुदेव डेयरी, जो अनिल गुर्जर पुत्र कैलाश गुर्जर के स्वामित्व में है, पर छापे के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। टीम ने जब परिसर की तलाशी ली तो पाया कि: 40 किलो मिल्क पाउडर, 25 किलो वनस्पति, 10 किलो सिंथेटिक पेस्ट, 15 मिक्सी मशीनें, दो गैस सिलेंडर, और 56 खाली वनस्पति के पीपे मौजूद थे।
इन सामग्रियों की मदद से करीब 1000 लीटर मिलावटी दूध तैयार कर एक पिकअप गाड़ी में लोड किया जा चुका था, जिसे शाहपुरा स्थित लोटस डेयरी में सप्लाई किया जाना था।
काव्या डेयरी भी लपेटे में इसी गांव की एक और डेयरी काव्या दूध डेयरी पर भी कार्रवाई की गई। यहां: 20 किलो मिल्क पाउडर, 15 किलो वनस्पति मौके से बरामद हुई, जिससे लगभग 100 लीटर नकली दूध तैयार किया गया था। यहां 9 खाली पीपे वनस्पति के भी पाए गए, जिससे इसके लंबे समय से इस कार्य में लिप्त होने का संकेत मिला।
प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट होता है कि दोनों डेयरियां लंबे समय से आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही थीं। जांच दल ने तत्काल एफएसएस एक्ट के तहत सभी खाद्य पदार्थों के नमूने लिए और उन्हें जयपुर स्थित प्रयोगशाला भेजा। रिपोर्ट आने के बाद कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

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