Assam में बाढ़ के हालात में सुधार, Arunachal CM की माँ का निधन, Manipur में लौट रही है शांति, Nagaland में निकाय चुनाव के लिए मतदान संपन्न

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इस सप्ताह असम में बाढ़ की स्थिति में कुछ सुधार हुआ मगर अरुणाचल में स्थिति बिगड़ गयी। मणिपुर में शांति धीरे-धीरे लौटती दिख रही है तो दूसरी ओर सिक्किम में बाइचुंग भूटिया ने राजनीति से संन्यास ले लिया। नगालैंड में दो दशक बाद निकाय चुनाव कराये गये तो दूसरी ओर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री को उपहार स्वरूप अनानास भेजे। मिजोरम ने केंद्र सरकार से भारी भरकम सहायता राशि मांगी है तो दूसरी ओर मेघालय में लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक रूप से शांति बनी हुई है। इसके अलावा भी पूर्वोत्तर भारत से कई प्रमुख समाचार रहे। आइये डालते हैं सभी पर एक नजर और सबसे पहले बात करते हैं असम की।

असम

असम से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि तिनसुकिया जिले की एक स्थानीय अदालत ने 11 साल पहले बाजार में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में बुधवार को छह पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। तिनसुकिया जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपांकर बोरा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत छह पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। घटना सात अक्टूबर 2013 की है, जब अंबिकापुर बाजार में अजीत सोनोवाल नामक व्यक्ति की पिटाई की गई थी। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए डिब्रूगढ़ के असम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि चोटों की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। सोनोवाल के पिता ने नौ अक्टूबर 2013 को सदिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। विस्तृत जांच के बाद आरोपपत्र दाखिल किया गया और तिनसुकिया जिला एवं सत्र न्यायालय में मुकदमा शुरू हुआ। अदालत ने साक्ष्यों, गवाहों के बयानों और सरकारी वकील अशोक चौधरी की दलीलों पर विचार करते हुए छह पुलिसकर्मियों को दोषी पाया।

इसके अलावा, असम में बुधवार को प्रमुख नदियों और उनकी सहायक नदियों में जलस्तर घटने के साथ ही बाढ़ की स्थिति में कुछ हद तक सुधार हुआ है। हालांकि सात जिलों में करीब डेढ़ लाख लोग अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं। एक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार बाढ़ प्रभावित जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा हुई, इस दौरान करीमगंज में कुशियारा नदी को छोड़कर अन्य सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया। बारपेटा, कछार, दरांग, धेमाजी, गोलपाड़ा, कामरूप और करीमगंज के करीब डेढ़ लाख लोग अब भी बाढ़ से प्रभावित है। मंगलवार को प्रभावितों की संख्या 1.53 लाख रही। एक बुलेटिन के मुताबिक मंगलवार को कछार में एक व्यक्ति की डूबने के कारण मौत की खबर है। इसके साथ ही इस वर्ष बाढ़, भूस्खलन एवं आंधी के चलते अब तक कुल 41 लोगों की जान जा चुकी है। इसमें कहा गया कि करीमगंज 84 हजार पीड़ितों के साथ सबसे अधिक प्रभावित है, इसके बाद कछार में 52400 और दरांग में साढ़े छह हजार लोग बाढ़ से पीड़ित हैं। बाढ़ प्रभावितों की सहायता के लिए जिला प्रशासन ने 149 राहत बचाव वितरण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां 26 हजार लोग शरण लिए गए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बुलेटिन के अनुसार इस समय 556 गांव जलमग्न हैं, और 1547.35 हेक्टेयर भूमि में फसलें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। चिरांग, दरांग, ग्वालपाड़ा, गोलाघाट, कामरूप, कोकराझार, नगांव, नलबाड़ी, तामुलपुर, उदलगुड़ी, गोलाघाट, होजई और सोनितपुर में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचा क्षतिग्रस्त हो गया है।

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