कोटा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल खराबे से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए किसान खरीफ फसलों का बीमा 31 जुलाई तक करा सकते हैं। योजना में किसानों द्वारा खेतों में वास्तविक रूप से बोई गयी फसलों की सूचना 29 जुलाई तक लिखित में देनी होगी, ताकि वास्तविक बुआई अनुसार फसलों का बीमा सम्बन्धित बैंक या समिति द्वारा किया जा सके। जो ऋणी किसान फसल बीमा नहीं कराना चाहते हैं वे 24 जुलाई तक बैंक को लिखित में सूचना देकर इस योजना से बाहर हो सकते हैं।
संयुक्त निदेशक कृषि रमेश चन्द्र चण्डक ने बताया कि बीमित राशि का खरीफ फसल के लिए 2 प्रतिशत, रबी के लिए 1.5 प्रतिशत और वाणिज्यिक व बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम किसान द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंनें बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ के लिये एग्रीकल्चर इंश्योरेन्स कम्पनी ऑफ इन्डिया लिमिटेड को दो मौसम के लिए अधिकृत किया गया है, जिसके टोल फ्री नम्बर 1800-4196- 116 हैं।
उन्होंने बताया कि फसल बुआई से लेकर कटाई तक सूखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ़, जल प्लावन, कीट एवं व्याधि, भूस्खलन, बिजली गिरने से लगी आग, तूफान, ओलावृष्टि और चक्रवात सहित नुकसान जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता उसका पटवार मण्डल में 4 व तहसील क्षेत्र में न्यूनतम 16 फसल कटाई प्रयोगों से ज्ञात उत्पादन का गारण्टी उपज में से नुकसान का आंकलन कर बीमित राशि अनुसार फसल बीमा क्लेम निर्धारित किया जाता है। फसल कटाई के उपरान्त 14 दिन तक सूखने के लिए खेत में छोड़ी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से हुए नुकसान का व्यक्तिगत आधार पर फसल बीमा क्लेम दिया जाएगा।
किसान 31 जुलाई तक करवा सकते हैं फसल का बीमा
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