कोटा। कोटा जिले की ग्राम पंचायतों के समस्त ग्रामों को ‘आकांक्षी ग्राम’ मानते हुए विकास के विभिन्न मापदंडों में सुधार करने, जनकल्याणकारी योजनाओं में शत-प्रतिशत उपलब्धि अर्जित करने, ग्राम स्तर तक राजकीय संस्थानों एवं आधारभूत ढांचे की उपलब्धता को सुनिश्चित करने, नागरिकों को दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं जैसे शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण आदि के विकास के साथ-साथ आमजन की समस्याओं के नियमित रूप से समाधान के लिये सम्पूर्ण कोटा जिले में ‘आओ गांव चले’ अभियान का शुभारम्भ किया गया है।
कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने मंगलवार को जिला परिषद् स्थित विवेकानन्द हॉल में ‘आओ गांव चले’ अभियान के तहत आयोजित आमुखीकरण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस अभियान के तहत अधिकारी, ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान ढूंढने का सार्थक प्रयास करें।
कलक्टर डॉ गोस्वामी ने बताया कि इस अभियान के लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर प्रभारी अधिकारी तथा 5-5 पंचायतों के कलस्टर पर पर्यवेक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। ये अधिकारी 4 जुलाई को अपनी आवंटित ग्राम पंचायतों का सघन दौरा करेंगे तथा निर्धारित प्रारूप में ग्राम पंचायत की सामान्य जानकारी तथा ग्रामवार समस्याओं की जानकारी लेंगे। इस अभियान के माध्यम से शिक्षा, चिकित्सा, आवास, रोजगार, स्वच्छता, पानी, बिजली, सड़क, बैंक, परिवहन सुविधाओं आदि की गहन समीक्षा की जायेगी। 5 जुलाई को जिले की समस्त ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया जायेगा, जिनमें गावों की समस्याओं एवं आवश्यकताओं को ग्रामीणों के समक्ष पढ़कर सुनाया जायेगा और समाधान के लिए विचार विमर्श किया जायेगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस अभियान को नियमित रूप से चलाया जायेगा एवं समय-समय पर प्रभारी अधिकारियों से प्रगति की समीक्षा की जायेगी। दलों द्वारा तैयार की गई सूचनाओं के आधार पर ग्राम पंचायतवार डायरेक्ट्री तैयार की जायेगी।
उन्होंने सभी प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे ग्राम पंचायत स्तर के कार्मिकों को व्हाट्सअप ग्रुप से जोडं़े, जिससे आमजन की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके। जिला कलक्टर ने कहा कि प्रत्येक अधिकारी, गांवों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन से वंचित पात्र लाभार्थियों का चिन्हीकरण कर उन्हें योजना से लाभान्वित करायें। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में जो कार्मिक लगन से अच्छा कार्य कर रहे हैं, उनको प्रोत्साहित किया जाये। 4 जुलाई को भ्रमण के दौरान अधिकारी आंगनबाड़ियों, राजकीय विद्यालयों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण आवश्यक रूप से करें। विद्यालय के बच्चों को अभियान की जानकारी देकर उनसे भी फीडबेक लिया जाए।
उन्होनें कहा कि अधिकारी-कर्मचारी निर्धारित प्रारूपों में जानकारी स्वयं फील्ड में ग्रामीण क्षत्रों का दौरा कर भरंे और समस्याओं का व्यवहारिक समाधान तलाशें।
जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अभियान के नोडल अधिकारी अशोक त्यागी ने बताया कि अभियान को प्रभावी एवं कल्याणकारी बनाने के लिए इसकी कार्ययोजना तैयार की गई है। आम लोगों को राहत मिले यही अभियान का मूल उद्देश्य है।
कार्यशाला में अभियान के सहायक नोडल अधिकारी नयन गौतम, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मजहर इमाम, उपखण्ड अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, शिक्षा व चिकित्सा सहित जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।

प्रत्येक गांव बनेगा आकांक्षी गांव : जिला कलक्टर
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