प्रतापगढ़। जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग की ओर से वर्षा जल संरक्षण के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से जिले में संचालित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के तहत जल ग्रहण यात्रा दिनांक 8 मार्च को पंचायत समिति पीपलखूंट के ग्राम पंचायत पीपलखूंट में प्रस्तावित है। जल ग्रहण यात्रा के तत्वाधान में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन पंचायत समिति में किया जाएगा। इसी के तहत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पीपलखूंट में वर्षा जल संरक्षण एवं इसका महत्व शीर्षक पर निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन गुरुवार को किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता के दौरान जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण के विभाग के कनिष्ठ अभियंता ललित सिंह राठौड़, विषय विशेषज्ञ अभियांत्रिकी विक्रम लबाना एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र निनामा उपस्थित रहे। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया।
जलग्रहण यात्रा का शुभारंभ-मिलेगा वर्षा जल संरक्षण का संदेश
जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग की ओर से वर्षा जल संरक्षण के प्रति जन जागरूकता के उद्देश्य से जिलें में संचालित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 (जलग्रहण विकास घटक) के तहत जलग्रहण यात्रा एक मार्च से 9 मार्च तक जिले की 8 परियोजना क्षेत्र में रहेगी। यात्रा का शुभारंभ एक मार्च को पंचायत समिति छोटीसादड़ी के साटोला ग्राम पंचायत से होगा। जिसके बाद जलग्रहण रथ यात्रा 2 मार्च को पंचायत समिति छोटीसादड़ी के ग्राम पंचायत कारूण्डा, 4 मार्च को पंचायत समिति प्रतापगढ़ के ग्राम पंचायत पिल्लू, 5 मार्च को पंचायत समिति अरनोद के ग्राम पंचायत लालगढ़, 6 मार्च को पंचायत समिति दलोट के ग्राम पंचायत निनोर, 7 मार्च को पंचायत समिति सुहागपुरा के ग्राम पंचायत सेमलिया, 8 मार्च को पंचायत समिति पीपलखूंट के ग्राम पंचायत पीपलखूंट से होते हुए 9 मार्च को पंचायत समिति धरियावद के ग्राम पंचायत अणत में यात्रा का समापन होगा। जलग्रहण यात्रा के जिला नोडल अधिकारी मनोज कुमार, अधीक्षण अभियंता एवं पदेन परियोजना प्रबंधक, वाटरशेड सेल कम डाटा सेन्टर जिला परिषद् प्रतापगढ़ ने बताया कि यात्रा के दौरान विभिन्न गतिविधियॉ जैसे श्रमदान, पौधारोपण, प्रभात फेरी, कलश यात्रा, विद्यालय में निबंध लेखन एवं चित्रकला प्रतियोगिता इत्यादि आयोजित करवाई जावेगी। जलग्रहण यात्रा का मुख्य उद्देश्य वर्षा जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना है।