नई दिल्ली। 15 महीनों की लंबी देरी के बाद, भारतीय सेना को आखिरकार उसके पहले अपाचे AH-64E लडाकू हेलीकॉप्टर मिलने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार, अगले दो दिनों में इन शक्तिशाली हेलीकॉप्टरों की पहली खेप भारतीय सेना में शामिल हो जाएगी। हालांकि इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि आज या कल में तीन अपाचे हेलीकॉप्टर जोधपुर पहुंच जाएंगे। आपूर्ति और सेना में शामिल करने से पहले एक संयुक्त प्राप्ति निरीक्षण (JRI) किया जाएगा। कुल छह अपाचे हेलीकॉप्टरों में से यह शुरुआती तीन इकाइयां होंगी। जोधपुर में पहले से ही एक स्क्वाड्रन स्थापित किया जा चुका है, जहां इन हेलीकॉप्टरों को पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जाएगा, जिससे क्षेत्र में भारतीय सेना की मारक क्षमता में जबरदस्त इजाफा होगा।
अपाचे हेलीकॉप्टर इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं?
AH-64E अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत लडाकू हेलीकॉप्टरों में से एक है। इसे विशेष रूप से दुश्मन के इलाकों में सटीक और शक्तिशाली हमले करने के लिए डिजाइन किया गया है। अमेरिकी रक्षा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित, अपाचे वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, इजराइल, मिस्र जैसे कई देशों की सशस्त्र सेनाओं द्वारा उपयोग किया जा रहा है, और अब भारत भी इसका एक प्रमुख उपयोगकर्ता बन गया है। भारत ने सबसे पहले 2015 के एक समझौते के तहत भारतीय वायु सेना के लिए 22 अपाचे हेलीकॉप्टर हासिल किए थे। अब शामिल किए जा रहे ये छह नए हेलीकॉप्टर विशेष रूप से भारतीय सेना के विमानन कोर के लिए हैं, जो जमीनी अभियानों में सेना को अभूतपूर्व हवाई सहायता प्रदान करेंगे।