शिक्षा कुछ लोगों का विशेषाधिकार नहीं बननी चाहिए : राहुल

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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘शिक्षा की शुरुआत जिज्ञासा और खुलकर सोचने से होती है। हमें ऐसा माहौल चाहिए, जहां बच्चे बिना किसी डर या दबाव के सवाल पूछ सकें। शिक्षा कुछ लोगों का विशेषाधिकार नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह स्वतंत्रता की असली नींव है।’ उन्होंने कहा- हर बच्चे को सीखने और सोचने की आजादी मिलनी चाहिए। ये केवल अमीर या कुछ लोगों तक सीमित न रहे। भारत को लोकतांत्रिक माहौल में आगे बढ़ने वाली एक नई मैन्युफैक्चरिंग व्यवस्था बनानी होगी। इसके लिए अमेरिका या पेरू जैसे देशों के साथ साझेदारी फायदेमंद हो सकती है। कांग्रेस ने रविवार को X पर राहुल गांधी के दक्षिण अमेरिकी देश पेरू की पॉन्टिफिकल कैथोलिक यूनिवर्सिटी और चिली यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ हुई बातचीत का 12 मिनट 19 सेकेंड का वीडियो शेयर किया। इसमें शिक्षा, लोकतंत्र और दुनिया की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई। दरअसल, राहुल गांधी पिछले दिनों 10 दिन की दक्षिण अमेरिकी देशों कोलंबिया, ब्राजील, पेरू और चिली की यात्रा पर थे। यहां उन्होंने कई यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रमों शामिल होकर भारत और विश्व की राजनीति, शिक्षा समेत दूसरे मुद्दों पर चर्चा की। राहुल गांधी ने 8 अक्टूबर को को दक्षिण अमेरिकी देश कोलं बिया की अपनी यात्रा के दौरान मेडेलन, परगामिनो कॉफी शॉप की यात्रा का वीडियो शेयर किया था। अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किए वीडियो में राहुल कॉफी बनाने का अनुभव लेते दिखाई दिए थे। वीडियो के साथ पोस्ट में राहुल ने कहा था- भारत में भी विशेष कॉफी की संभावनाएं हैं। वीडियो में राहुल कहते नजर आए थे- पेरगामिनो में मुझे बताया गया कि कैसे कॉफी का हर कप साइंस और क्रिएटिविटी है। कोलंबिया में 5 लाख परिवार कॉफी की खेती सिर्फ एक फसल के रूप में नहीं करते, बल्कि इसे जीवन जीने का एक तरीका मानते हैं। उनकी यह कला देश की पहचान है। राहुल ने कहा भारत में भी वायनाड और कुर्ग की पहाड़ियों से लेकर अराकू और नीलगिरी तक, यही संभावनाएं हैं। अपनी समृद्ध मिट्टी और उत्साही किसानों के साथ, हमारे पास विशिष्ट कॉफी की एक वैश्विक कहानी गढ़ने की क्षमता है, जो पूरी तरह से हमारी अपनी होगी।

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