जिला कलक्टर के प्रयासों से 24 घंटे में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को मिली पहचान, दिव्यांग बालक को भी मिला सहारा

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बारां। जिला कलक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर के संवेदनशील व त्वरित निर्णयों के चलते बारां जिले में ट्रांसजेंडर समुदाय को नई पहचान और सम्मान मिला है। जिले के निवासी अवनिश ऊर्फ अंजलि, आशुरज्जक ऊर्फ जानु तथा अंता निवासी करीना सहित कुल छह ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को मात्र 24 घंटे में ट्रांसजेंडर प्रमाण-पत्र जारी किए गए। यह प्रमाण-पत्र उन्हें समाज में पहचान दिलाने के साथ-साथ केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होंगे।
जिला कलक्टर ने बताया कि ट्रांसजेंडर प्रमाण-पत्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन, आयुष्मान भारत योजना से स्वास्थ्य बीमा कवर, ट्रांसजेंडर उत्थान कोष के तहत स्वरोजगार हेतु वित्तीय सहायता और शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति जैसी कई योजनाओं का मार्ग प्रशस्त करता है।
इस अवसर पर जिला कलक्टर ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक शुभम नागर को निर्देशित किया कि वे ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने हेतु विशेष प्रयास करें तथा जिले के सभी पात्र ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करें।
इन पहलों से जिला प्रशासन ने न केवल माननीय सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2014 में ट्रांसजेंडरों के पक्ष में दिए गए ऐतिहासिक निर्णय, बल्कि उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के प्रावधानों को धरातल पर लागू कर मानवता और समानता की नई मिसाल पेश की है।
दिव्यांग बालक को मिला सहारा
इसी क्रम में मानपुरा निवासी 14 वर्षीय दिव्यांग बालक जितेंद्र बैरवा जब दैनिक जनसुनवाई में अपनी फरियाद लेकर जिला कलक्टर के समक्ष पहुंचा, तो जिला कलक्टर ने उसकी समस्या को गंभीरता से लेते हुए तत्काल सहायक निदेशक शुभम नागर को निर्देशित कर बालक को व्हीलचेयर उपलब्ध करवाई। साथ ही, उसका यूडीआईडी कार्ड बनवाने हेतु ऑनलाइन आवेदन भी करवाया गया। इसके अतिरिक्त बालक को पालनहार योजना एवं पेंशन योजना से लाभान्वित करने के निर्देश भी दिए गए।

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