मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से हो रहे युवाओं के सपने साकार

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जयपुर। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना राज्य के युवाओं के भविष्य को संवारने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल साबित हो रही है। यह योजना न केवल युवाओं को रोजगार के योग्य बना रही है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर कर रही है। आरएसएलडीसी के नेतृत्व में इस योजना के तहत राजस्थान के कोने-कोने में कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जहां युवाओं को उभरते हुए औद्योगिक क्षेत्रों के अनुरूप आधुनिक और प्रासंगिक कौशलों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह योजना राज्य के युवा वर्ग के लिए रोजगार के बेहतर अवसर खोलने में मील का पत्थर साबित हो रही है।

एजेंसियों के लिए उच्च मानदंड :

एसएलडीसी द्वारा इस योजना में भाग लेने वाली एजेंसियों के लिए उच्च मानदंड निर्धारित किए गए हैं। एजेंसियों के औसत वार्षिक टर्नओवर और सक्रिय कौशल विकास केंद्रों की संख्या में वृद्धि की गई है। साथ ही, ग्रीन जॉब्स (पर्यावरण संबंधित नौकरियां), फ्यूचर स्किल्स (भविष्य के कौशल), टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी (पर्यटन और आतिथ्य), हैंडीक्राफ्ट्स (हस्तशिल्प) और फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंस्करण) जैसे उभरते क्षेत्रों के पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता दी जा रही है। यह सुनिश्चित किया गया है कि केवल वही एजेंसियां आवेदन करें, जो इन क्षेत्रों में गहन अनुभव रखती हों और उच्च गुणवत्ता वाली ट्रेनिंग प्रदान कर सकें।
मॉनिटरिंग की पुख्ता व्यवस्थाः इस योजना के तहत प्रत्येक प्रशिक्षण केंद्र की मॉनिटरिंग आईपी कैमरों के माध्यम से की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी केंद्रों में गुणवत्ता वाली शिक्षा और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों। यह मॉनिटरिंग सिस्टम एसएलडीसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि हर एक युवा को बेहतरीन प्रशिक्षण मिले और वे अपनी क्षमताओं का पूर्ण विकास कर सकें। कौशल विकास योजना के तीन प्रमुख कार्यक्रमों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। जेकेवीएलके के तहत 223 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 123 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है और योजना का लक्ष्य 30000 युवाओं को प्रशिक्षित करना है। सक्षम के लिए 92 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 62 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है। इसका उद्देश्य 12000 युवाओं को प्रशिक्षित करना है। समर्थ में 241 आवेदन प्राप्त हुए हैं और 159 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है। इसके तहत 8000 युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।

युवाओं के लिए योजना के लाभः

मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से प्रदेश के हजारों युवाओं को रोजगार और आजीविका के नए अवसर मिलेंगे। इस योजना के जरिए न केवल युवाओं को उन्नत कौशल प्रदान किए जाएंगे बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी हर संभव प्रयास किया जाएगा। इस योजना की सफलता से राजस्थान न केवल राष्ट्रीय स्तर पर कौशल विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा बल्कि राज्य के युवाओं को अपने सपनों को साकार करने का अद्वितीय मौका भी मिलेगा। कौशल एवं आजीविका विकास निगम के इस साहसिक कदम से यह साबित हो रहा है कि राज्य का भविष्य युवाओं के मजबूत हाथों में है और यह योजना उन्हें नए आयाम प्रदान कर रही है।

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