डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने सपरिवार 400 साल प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना कर मेवाड़ में सुख-समृद्धि की कामना की

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उदयपुर। दीपावली पर्व पर शुक्रवार को मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने भट्टियानी चौहट्टा स्थित महालक्ष्मी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना कर मेवाड़ की सुख-समृद्धि की कामना की। डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ सीटी पैलेस से शाही लवाजमे के साथ 400 साल से ज्यादा प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर पहुंचे। उन्होंने राजशाही लवाजमे और मेवाड़ी पारंपरानुसार महालक्ष्मी का पूजन किया। मेवाड़ राजपरिवार 400 साल प्राचीन इस महालक्ष्मी मंदिर में पूजन करने की परंपरा का निर्वहन करता आ रहा है।

महाराणा जगतसिंह के कार्यकाल में इस महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण हुआ था। प्राचीन परंपराओं को आज भी पूरी शिद्दत से मनाने वाले डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ उनकी पत्नी निवृत्ति कुमारी मेवाड़, पुत्री मोहलक्षिका कुमारी मेवाड़ व प्राणेश्वरी कुमारी मेवाड़ और पुत्र हरितराज सिंह मेवाड़ ने भी महालक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना की। डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ दर्शन करने कई ठिकानो के प्रतिनिधि भी पहुंचे। इसके बाद मेवाड़ ने हनुमान मंदिर में भी दर्शन कर पूजन किया। इस दौरान डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का जगह-जगह स्वागत किया गया और मेवाड़ ने सभी का अभिवादन स्वीकार करते हुए आभार व्यक्त किया।
-400 साल प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर
भटियानी चौहट्टा स्थित महालक्ष्मी मंदिर करीब 400 साल प्राचीन है। इस मंदिर का निर्माण जगदीश मंदिर के निर्माण के समय तत्कालीन महाराणा जगत सिंह के कार्यकाल में हुआ। जगदीश मंदिर का निर्माण होते समय महालक्ष्मी मंदिर बना दिया गया। इस मंदिर से भी बची सामग्री से गणपति मंदिर बनाया गया। उस समय मां लक्ष्मी की प्रतिमा भीनमाल से लाई गई थी। हाथी पर विराजित प्रतिमा सफेद पत्थर पर उकेरी गई है, जो भक्तों को आकर्षित करती है।

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