इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने कहा है कि वह अफ़ग़ानिस्तान के साथ ‘शत्रुता’ को और नहीं बढ़ाना चाहता है बल्कि वह आशा करता है कि तालिबान शासक अफ़ग़ानिस्तान की धरती से सक्रिय विद्राेहियाें के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करके उसकी सुरक्षा संबधी चिंताओं का समाधान करेंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने शुक्रवार को यह बात कही। यह टिप्पणी उस समय आई है जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान ने तुर्किए और कतर की मध्यस्थता में लगभग एक सप्ताह तक चली वार्ता के बाद युद्ध विराम कायम रखने पर सहमति व्यक्त की थी, ताकिक्षेत्र में व्यापक संघर्ष को रोका जा सके। अंद्राबी की इस टिप्पणी को दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव कम होने का संकेत माना जा रहा दिया है। गौरतलब है कि अक्तूबर की शुरुआत से ही दोनों पक्षों के बीच सीमा पर हुई गोलीबारी में दर्जनों सैनिक, नागरिक और विद्रोही मारे गए थे। इस बीच कतर ने दोनों पक्षों के प्रतिनिधिमंडलों को दोहा आमंत्रित किया है, जहाँ वे 19 अक्टूबर को युद्धविराम पर सहमत हुए। इसके बाद तुर्किये में इस्तांबुल में छह दिनों तक बातचीत हुई, जो गुरुवार रात तक जारी रही। इस वार्ता में दोनों पक्ष युद्धविराम कायम रखने पर सहमत हुए हैं। इस शांति वार्ता के बाद, दोनों पक्ष युद्धविराम को लागू करने संबधी कार्ययाेजना को अंतिम रूप देने के लिए छह नवंबर को इस्तांबुल में फिर से बैठक करेंगेे। अंद्राबी ने द्विपक्षीय वार्ता को सफल बनाने में कतर और तुर्किये की भूमिका की प्रशंसा की। युद्धविराम के बावजूद, दोनों देशों ने प्रमुख सीमा चाैकियाें काे बंद रखा हैं, जिससे माल से भरे सैकड़ों ट्रक और हज़ारों शरणार्थी दोनों तरफ़ फँसे हुए हैं। अंद्राबी के अनुसार सुरक्षा कारणों से अफ़ग़ानिस्तान के साथ सभी सीमा चाैकियां व्यापार के लिए फिलहाल बंद हैं, लेकिन शरणार्थियों को कम से कम दक्षिण-पश्चिमी चमन सीमा चाैकी से अफगानिस्तान लौटने में मदद की जा रही हैं। उधर, अफगानिस्तान में काबुल में, गृह मंत्रालय की सीमा पुलिस के प्रवक्ता अबीदुल्लाह उकाब फ़ारूक़ी ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी तोरख़म सीमा चाैकी शनिवार को शरणार्थियों के लिए फिर से खाेल दी जाएगी। हालांकि इस बाबत पाकिस्तान की ओर से कोई घोषणा नहीं की गई है। वर्तमान घटनाक्रम में एक दिन पहले पाकिस्तान में अफ़ग़ानिस्तान के राजदूत अहमद शकीब द्वारा ‘एक्स’ पर एक लेख साझा किया गया था जिसमें उन्होंने कहा शिकायत की थी कि पाकिस्तान द्वारा सीमा चाैकियां बंद करने के कारण बड़ी संख्या में अफ़ग़ान शरणार्थी वहां फँसे हुए हैं। इस पर अंद्राबी ने एतराज जताते हुए कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के राजदूत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के माध्यम से बातचीत करने के बजाय सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतें व्यक्त करके ‘राजनयिक’ मानदंडों का उल्लंघन किया है।

अफ़ग़ानिस्तान के साथ ‘शत्रुता’ और नहीं बढ़ाना चाहते : पाकिस्तान
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