टोंक। जिला मुख्यालय पर मंगलवार को डोला ग्यारस का त्यौहार हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर शहर के विभिन्न मंदिरों से 30 डोल यात्राऐं निकाली गई। डोल यात्राऐं चतुर्भज तालाब पर पहुंची, जहां ठाकुर जी को विहार करवाया गया। इस दौरान हजारों लोगों की भीड़ दर्शनों को लेकर उमड़ पड़ी। डोल यात्रा को लेकर शहर में पुलिस का माकूल बन्दोबश्त किया गया। शहर में मंगलवार को जलझूलनी एकादशी के पर्व पर विभिन्न मन्दिरों के डोले गाजे-बाजे के साथ निकले एवं चतुर्भज तालाब पर पहुंचकर ठाकुर जी को स्नान करवाया। डोल यात्रा में श्रृद्धालु महिला-पुरूष, युवक-युवतियां, मन्दिरों के डोलों के इर्द-गिर्द भजन-कीर्तन करने के साथ-साथ डोलों की परिक्रमा करते, फल चढ़ाते एवं शंखनाद व घंटिया बजाते चल रहे थे। जिला मुख्यालय पर शाम 5 बजे से ही शहर के मन्दिरों एवं विभिन्न समुदायों के मन्दिरों के डोले विशेष पूजा-अर्चना के साथ निकलने लगे तो पूरे शहर में सडक़ों पर श्रृद्धालु आ गये। हर डोले के साथ सैकड़ों की संख्या में समाज के विशेष के लोग भजन-कीर्तन करते चल रहे थे। डोल यात्रा के दौरान सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र काला बाबा क्षैत्र का डोला ‘कोतवाल डोले’ के नाम से रहा, जिससे देखने को उमड़े लोगों का आलम भी देखते ही बन रहा था। घंटाघर से चतुर्भज तालाब तक हजारों की तादाद में श्रृद्धालु उमड़ पड़े। इस मौके पर पंचकुईयां क्षैत्र में मेले का आयोजन हुआ, जिसमें जिला मुख्यालय सहित आस-पास के हजारों ग्रामीण महिला-पुरूषों ने भाग लिया। इस दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था के लिये पुलिस की माकूल व्यवस्था की गई। मंगलवार को आयोजित जलझूलनी एकादशी के वार्षिक मेले में कोतवाल के नाम से अपनी पहचान रखने वाले काला बाबा देव विमान लोगों के आकर्षण का केन्द्र जिसके हैरतअंगेज करतबों को देख लोगों ने दांतों तले अंगुली दबा ली। साथ ही डोले के नीचे निकलने की श्रृद्धालुओं की होड़ मची रही। सबसे आखिरी में काला बाबा रवाना हुआ। कोतवाल काला बाबा का डोला कभी डोलों से आगे तो कभी पीछे साथ ही सभी देवविमानों से ऊंचा होकर आगे निकलता नजर आया। मेले में आकर्षण का केन्द्र रहने वाला काला बाबा कभी उल्टा हो जाता, लेकिन डोले में प्रतिष्ठापित काला बाबा की प्रतिमा नीचे नही गिर पाती। चतुर्भज तालाब पर संध्या आरती एवं जल विहार के बाद सभी डोले अपने-अपने मन्दिरों के लिए रवाना हुये। इस दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था के लिये पुलिस की माकूल व्यवस्था तैनात रही।
जलझूलनी एकादशी पर निकली डोल यात्राऐं काला बाबा का डोल रहा आकर्षण का केन्द्र
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