फतेहपुर। कृषि अनुसंधान केन्द्र अनुसंधान व विस्तार सलाहकार समिति जोन-2-ए की खरीफ 2024 की दो दिवसीय बैठक क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान प्रोफेसर की अध्यक्षता में हुई। कृषकों की समस्या के अनुरूप चल रहे अनुसंधान कार्यो की समीक्षा हेतु आयोजित हुई। बैठक में खरीफ 2023 में लगाये गये अनुसंधान कार्यो के परिणाम, फीडबैक समस्या पर कार्यवाही, इजाद तकनीक की ग्राह्ता, कलस्टर, ऑन फार्म व प्रथम पंक्ति प्रर्दशन के परिणाम, कृषि विभाग विस्तार, उद्यान, आत्मा आदि की प्रगति, तथा किसान प्रशिक्षणों के आंकड़े व आगामी खरीफ सीजन हेतु तकनीकी कार्यक्रम आदि प्रस्तुत हुए। साथ ही प्रोेफेसर हरफूल सिंह ने बताया कि केन्द्र के वैज्ञानिकों के अनुसंधान स्वरूप उपलब्धता व ग्राह्ता के आधार पर किसान हितैशी कुल 15 तकनीक को समिति ने किसानों के उपयोगार्थ पैकेज ऑफ प्रेक्टिस में सम्मिलित करने का अन्तिम निर्णय लिया जिसमें से मूग की बुआई हेतु किस्म के.एम. 2 व शिखा, तिल हेतु आर.एम.टी 372 बाजरा के लिए एचएचबी 299, एएचबी 1200 तथा एमपीएमएच 35 सदन द्वारा शिफारिस की गई। साथ ही चंवले व तिल में कीट नियंत्रण हेतु जैविक व अजैविक कीटनाशियों की भी शिफारिस की गई साथ ही कुल 08 तकनिकों को एटीसी आबुसर पर ग्राह्ता व पुष्टिकरण हेतु प्रस्तावित की। दो दिवसीय बैठक में केन्द्र के वैज्ञानिक कृषि अनुसंधान केन्द्र फतेहपुर, कृषि उप अनुसंधान केन्द्र नागौर, कृषि विज्ञान केन्द्र फतेहपुर, चांदगोठी चुरू, नागौर, मौलासर, आबुसर तथा एटीसी आबुसर के वैज्ञानिक तथा समस्त उपनिदेशक कृषि एटीसी विस्तार उद्यान आत्मा जिला सीकर, चुरू, नागौर, झुंझुनु व आदि के सहायक निदेशक तथा कृषि अधिकारियों ने भाग लिया। किसानों की समस्या के अनुरूप ही परीक्षणों का आयोजन कर उपलब्धता व ग्राह्ता के आधार पर किसान हितैशी तकनीक का विकास करना ही हमारी प्राथमिकता है। अन्त में क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान प्रोफेसर ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए निर्देशित किया कि सीकर खण्ड के किसानों की समस्या के अनुरूप मौसम को ध्यान में रख्ते हुए ही परीक्षण आयोजित किये जावें।
समस्या को ध्यान में रखकर करें अनुसंधान – प्रोफेसर
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