रबी सीजन की तैयारी पर संभागीय आयुक्त ने ली बैठक

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कोटा। रबी फसल की बुवाई से पूर्व बीज, उर्वरक एवं अन्य कृषि आदानों की मांग, उपलब्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु समीक्षा बैठक शुक्रवार को संभागीय आयुक्त एवं कलक्टर पीयूष समारिया की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ जिलों के कृषि अधिकारी, फर्टिलाइजर , बीज निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधि एवं डीलर्स आदि सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
संभागीय आयुक्त के निर्देश – गुणवत्तापूर्ण और संतुलित उर्वरक वितरण पर बल
संभागीय आयुक्त एवं कलक्टर पीयूष समारिया ने कहा कि रबी सीजन में कृषकों को समय पर उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक और कीटनाशक उपलब्ध कराना विभाग की सर्वाेच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करे कि बाजार में डीएपी, एनपीके, एसएसपी, यूरिया जैसे उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता बनी रहे और उनकी आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा न आए।
उन्होंने निर्देश दिए कि जिलेवार सभी फर्टिलाइजर डीलर्स की सूची तैयार कर कृषकों को उपलब्ध कराई जाए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर किसान किसी अन्य विक्रेता से भी संपर्क कर सकें। उन्होंने कहा कि बीज, उर्वरक और कीटनाशकों के नियमित सैंपल लेकर उनकी गुणवत्ता जांच समय-समय पर की जाए और मानकों पर खरा न उतरने पर विक्रेताओं के विरुद्ध वाले कार्रवाई की जाए।
संभागीय आयुक्त पीयूष समारिया ने कहा कि कृषकों को सॉइल टेस्टिंग के उपरांत ही उर्वरकों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाए। रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग मिट्टी की उर्वरता को प्रभावित करता है और दीर्घकाल में खाद्य श्रृंखला पर प्रतिकूल असर डालता है। इसलिए प्रत्येक किसान को जैविक एवं वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि विभाग किसानों के बीच प्राकृतिक और जैविक खेती के लाभों को प्रचारित करने के लिए ग्राम स्तर पर प्रशिक्षण शिविर, गोष्ठियां एवं प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित करे।
अतिरिक्त निदेशक और कृषि अधिकारियों ने दी जानकारी
बैठक में अतिरिक्त निदेशक कृषि अशोक कुमार शर्मा ने हाड़ौती क्षेत्र की कृषि स्थिति, विभागीय योजनाओं एवं रबी तैयारी की जानकारी पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से दी। उन्होंने बताया कि हाड़ौती क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई लगभग 12 से 13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा बीज और उर्वरक की उपलब्धता की निरंतर समीक्षा की जा रही है, जिससे किसी भी स्तर पर कमी की स्थिति न बने।
उपनिदेशक कृषि सत्येंद्र पाठक ने बताया कि इस वर्ष क्षेत्र में औसत से 37 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जिससे मिट्टी में पर्याप्त नमी उपलब्ध है और रबी फसलों की बुवाई के लिए परिस्थिति अत्यंत अनुकूल है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोटा संभाग में डीएपी, एनपीके, एसएसपी, यूरिया सहित अन्य उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा मौजूद है और जरूरत के अनुसार आवक निरंतर जारी है। बुवाई हेतु बीज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है
उन्होंने बताया कि हाड़ौती क्षेत्र की मिट्टी अत्यंत उपजाऊ है, इसलिए अत्यधिक रासायनिक प्रयोग से बचते हुए किसानों को जैविक और प्राकृतिक पद्धतियों को अपनाने की दिशा में प्रेरित किया जा रहा है।
दशहरा मेले में कृषि जानकारी का आकर्षण
बैठक में यह जानकारी दी गई कि वर्तमान में चल रहे दशहरा मेले में कृषि विभाग की ओर से किसान रंगमंच पर प्राकृतिक खेती, जैविक उर्वरक उपयोग, सॉइल टेस्टिंग एवं वैकल्पिक खादों के फायदे से संबंधित जानकारियां रोचक माध्यमों से दी जा रही हैं, ताकि अधिक से अधिक कृषक इस दिशा में प्रेरित हों।

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