राजस्थान में जनहित के लिए जरूरी जिलों को बरकरार रखा गया है – जोगाराम पटेल

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जयपुर,। राजस्थान की भाजपा सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल के दौरान बनाए गए नौ जिलों को समाप्त कर दिया है। इसमें शाहपुरा, नीमकाथाना, जोधपुर ग्रामीण, जयपुर ग्रामीण, सांचौर, दूदू ,केकड़ी ,गंगापुर सिटी, अनूपगढ़ जिले शामिल हैं। भाजपा सरकार ने आठ जिलों को लेकर कोई बदलाव नहीं किया है।इस पूरे मामले पर राजस्थान सरकार में कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि पूर्व की सरकार ने राजनीतिक परिप्रेक्ष्य से फैसले लिए थे, जिनका अंजाम उन्हें भुगतना पड़ा था। हमने जो फैसला लिया है, इसकी हमने पूरी समीक्षा की है। समीक्षा के दौरान पाया गया कि इन जिलों को रखना ठीक नहीं है। जनहित में जो जिले रखने चाहिए थे, उन्हें रखे गए हैं।

जो जनहित के लिए ठीक नहीं थे, उन्हें फिलहाल नहीं रखा गया है।खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि आठ जिले अपरिवर्तित रहेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में साल 1956 में 26 जिले थे और 67 साल में केवल सात जिले बढ़े। कुल 33 जिले थे। लेकिन ऐसा क्या कारण था कि गहलोत सरकार जब यहां के मुख्यमंत्री थे, तो दो कार्यकाल में एक भी नया जिला नहीं बनाया। तीसरे कार्यकाल में बीते चार साल में एक भी जिला नहीं बनाया, लेकिन कार्यकाल के आखिरी साल में चुनाव से पहले 20 जिलों की घोषणा कर दी।

राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि हमारी सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों में से 9 जिलों को निरस्त करने का भाजपा सरकार का निर्णय अविवेकशीलता एवं केवल राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है। हमारी सरकार के दौरान जिलों का पुनर्गठन करने के लिए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में 21 मार्च 2022 को समिति बनाई गई थी, जिसे दर्जनों जिलों के प्रतिवेदन प्राप्त हुए। इन्हीं प्रतिवेदनों का परीक्षण कर समिति ने अपनी रिपोर्ट दी, जिसके आधार पर नए जिले बनाने का निर्णय किया गया था।

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