छात्रों से सीधा संवाद कर कलेक्टर ने बढ़ाया आत्मविश्वास

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कोटा। ‘कामयाब कोटा अभियान’ के अंतर्गत शुक्रवार को जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने फिजिक्सवाला कोचिंग संस्थान में अध्ययनरत कोचिंग विद्यार्थियों से संवाद कर उन्हें प्रेरित किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ मानसिक रूप से स्वस्थ और तनावमुक्त रहने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
डॉ. गोस्वामी ने छात्रों को आत्मविश्वास बनाए रखने, सकारात्मक सोच रखने और पढ़ाई के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें पूरा करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बड़ी योजना बनाकर खुद पर दबाव बनाने के बजाय छोटी और व्यवहारिक योजना बनाना अधिक कारगर होता है। उन्होंने अपने एक मित्र का उदाहरण देते हुए बताया कि वह दिन में सिर्फ 15 मिनट पढ़ाई करता था और शेष समय खेलता था, लेकिन परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करता था, क्योंकि वह ध्यान केंद्रित कर पढ़ाई करता था और एकाग्रता के साथ संतुलन बनाकर चलता था।
कलेक्टर ने छात्रों से कहा कि पढ़ाई और दिनचर्या की अन्य गतिविधियों में तालमेल बनाए रखें। उन्होंने कहा कि कई बार अवचेतन मन में बैठा डर वास्तविकता से कहीं अधिक बड़ा लगता है, जबकि वास्तव में समस्या इतनी गंभीर नहीं होती। इसलिए डर से घबराने की बजाय उसे समझें और उस पर नियंत्रण पाएं।
स्वस्थ शरीर को सफल जीवन की नींव बताते हुए डॉ. गोस्वामी ने पोषण, स्वच्छता और नियमित स्वास्थ्य की देखभाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब शरीर स्वस्थ रहेगा तो मन और मस्तिष्क भी सजग और सक्रिय रहेंगे, जिससे पढ़ाई में ध्यान लगाना और लक्ष्य हासिल करना आसान होगा।
अपने संवाद के दौरान कलेक्टर ने छात्रों को परिवार से जुड़े रहने और अपने माता-पिता के साथ नियमित रूप से संवाद करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि माता-पिता ही सच्चे मित्र होते हैं जो हर परिस्थिति में आपके साथ रहते हैं। उन्हें अपनी दिनचर्या के बारे में बताते रहें, क्योंकि आपकी उपस्थिति ही उनके जीवन की सबसे बड़ी खुशी है।
डॉ. गोस्वामी ने छात्रों से कहा कि जब आप कोटा जैसे शैक्षणिक वातावरण में अपने व्यक्तित्व का विकास करते हैं, तो यह भविष्य में अन्य क्षेत्रों में भी आपकी क्षमताओं को निखारने में सहायक बनता है। उन्होंने छात्रों से प्लान बी यानी वैकल्पिक योजना तैयार रखने को भी कहा ताकि किसी भी स्थिति में वे आत्मविश्वास न खोएं।
कलेक्टर ने यह भी साझा किया कि परीक्षा में असफलता का डर, कठिन विषयों की चुनौती और तनाव जैसी समस्याएं हर छात्र के जीवन का हिस्सा होती हैं। लेकिन इनसे घबराने की बजाय उनका सामना आत्मविश्वास और सही मार्गदर्शन से करना चाहिए। उन्होंने छात्रों से खुद को प्रेरित रखने और निरंतर सकारात्मक सोच बनाए रखने का आह्वान किया।

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