जिला कलक्टर ने कसार में किया फार्मर रजिस्ट्री शिविर का निरीक्षण

ram

कोटा। किसानों के समग्र विकास और सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (एग्रीस्टैक) परियोजना के तहत फार्मर रजिस्ट्री प्रणाली विकसित की जा रही है। इसी के तहत ग्राम पंचायत कसार में सोमवार को फार्मर रजिस्ट्री शिविर का आयोजन किया गया, जिसका निरीक्षण जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने किया।
कलेक्टर ने किया निरीक्षण, किसानों की सुविधा पर जोर
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर डॉ. गोस्वामी ने शिविर में मौजूद काउंटरों पर चल रही गतिविधियों की समीक्षा की और किसानों की सुविधाओं को और अधिक सुचारू बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वयं पंजीकरण प्रक्रिया को समझा और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि किसानों का पंजीकरण बिना किसी बाधा के पूरा किया जाए। शिविर में कुल 461 किसानों का पंजीकरण किया जाना है, जिसमें पहले दिन 112 किसानों का पंजीकरण किया गया।
डिजिटल फार्मर आईडी से मिलेगा योजनाओं का लाभ
इस योजना के तहत प्रत्येक किसान को 11 अंकों की यूनिक फार्मर आईडी प्रदान की जाएगी, जो आधार से जुड़ी होगी। इस आईडी के माध्यम से किसानों को कृषि से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। इसमें कृषि निवेश, विशेषज्ञों की सलाह, फसल बीमा, आपदा राहत सहायता, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद, कृषि ऋण और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। कलेक्टर डॉ. गोस्वामी ने किसानों से जल्द से जल्द फार्मर रजिस्ट्री आईडी बनवाने की अपील की, ताकि वे बिना किसी बाधा के सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हो सकें।
फार्मर आईडी होगी अनिवार्य
शिविर के नोडल अधिकारी एसडीएम लाडपुरा गजेंद्र सिंह ने बताया कि पहले दिन लगभग 112 किसानों का पंजीकरण किया गया। उन्होंने बताया कि भविष्य में यह आईडी अनिवार्य हो जाएगी और इसके बिना किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, न्यूनतम समर्थन मूल्य, डीबीटी, आपदा राहत सहायता, कृषि योजनाओं के लाभ और बजट आवंटन से वंचित हो सकते हैं। यह आईडी किसानों की भूमि की डिजिटल पहचान बनाएगी, जिससे सरकारी योजनाओं का पारदर्शी और व्यवस्थित क्रियान्वयन संभव हो सकेगा।
पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज
शिविर में पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, जमाबंदी और आधार से लिंक मोबाइल नंबर अनिवार्य दस्तावेजों के रूप में आवश्यक हैं। बिना इन दस्तावेजों के पंजीकरण संभव नहीं होगा।
सत्यापन प्रक्रिया में फेशियल रिकग्निशन की सुविधा
भूमि सत्यापन अधिकारी किसानों के आधार और जमाबंदी दस्तावेजों का निरीक्षण कर रहे हैं। सत्यापन के लिए ओटीपी आधारित प्रक्रिया अपनाई जा रही है और जिन किसानों के मोबाइल नंबर पर ओटीपी नहीं आ रहा है, उनके लिए फेशियल रिकग्निशन तकनीक से सत्यापन की सुविधा दी गई है। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसानों की भूमि डिजिटल रूप से दर्ज की जा रही है और उनकी फार्मर आईडी पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से भेजी जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *