जिला पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक हुई सम्पन्न

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बूंदी। जिला पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक मंगलवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर सुदर्शन सिंह तोमर की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। बैठक में बूंदी शहर में आवारा श्वानों की बढ़ती आबादी पर चिंता व्यक्त की गई और इसे नियंत्रित करने के लिए अगले 15 दिनों में प्रभावी कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए गए।

बैठक के दौरान मवेशियों को चारा डालने के लिए शहर में उपयुक्त स्थानों को चिन्हित करने पर भी सहमति बनी। वन विभाग के अधिकारियों को विशेष रूप से निर्देशित किया गया कि वे लव कुश वाटिका में पशु चिकित्सक की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित करें।

नंदी शाला की स्थापना के लिए प्राप्त आवेदनों पर समयबद्ध तरीके से कार्य शुरू करने के भी निर्देश दिए गए। शहर में सांप पकड़ने वालों (स्नेक केचर) की एक सूची नगर परिषद को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया, जिससे सांपों के निकलने की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की जा सकें।

जिला परिवहन अधिकारी और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ समन्वय स्थापित कर मवेशियों के सींगों पर रिफ्लेक्टर लगवाने का भी निर्णय लिया गया, ताकि रात के समय दुर्घटनाओं को कम किया जा सकें।

अतिरिक्त जिला कलक्टर ने बैठक में घायल बंदर, मोर और अन्य वन्यजीवों के रेस्क्यू पॉइंट बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, उन्होंने गाय, बछड़े, ऊंट और अन्य जानवरों के अवैध परिवहन को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।

बैठक में समिति के कोषाध्यक्ष पुरूषोत्‍तम लाल पारीक ने समिति की नियमित बैठक करवाने, पशु कल्याण बोर्ड नई दिल्ली से समिति को सम्‍बद्ध करवाने, घायल पशु पक्षियों के उपचार व चिकित्सा के लिए एंबुलेंस की व्‍यवस्‍था करवाने, चारागाह भूमि को पशुओं के अनुकूल बनवाने की बात कहीं।

बैठक में पुलिस उप अधीक्षक अरुण कुमार, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक रामलाल मीणा, जिला परिवहन अधिकारी रजनीश विद्यार्थी, शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक धनराज मीणा, नगर परिषद के कार्यवाहक आयुक्त धर्मेन्द्र मीणा, जिला पशु क्रूरता निवारण समिति के कोषाध्यक्ष पुरूषोत्‍तम लाल पारीक, सदस्य विठ्ठल सनाढ्य, पृथ्वी सिंह राजावत, दौलतराम मालव, मोहनलाल कुम्हार, अशोक विजय आदि मौजूद रहें।

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