भारत में डिजिटल सुनामी : जेन-जी हो गए इंटरनेट लवर्स

ram

देश में इंटरनेट का उपयोग करने वालों की संख्यां में रिकार्ड बढ़ोतरी के साथ आज के डिजिटल युग में, यह अत्याधुनिक विधा हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गई है। बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, सोशल मीडिया, और ऑफिस वर्क जैसी गतिविधियां पूरी तरह इंटरनेट पर निर्भर हो गई हैं। देश और दुनिया में दिन-ब-दिन इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। पहले बड़े इसे अपने काम के लिए उपयोग में लाते थे और अब यह बड़ों से बच्चों के हाथों में पहुँच कर हमारी जिंदगानी का अभिन्न और अहम हिस्सा बन गया है। विशेषकर जेन जी ने इंटरनेट लवर्स के रूप में अपनी पहचान बनाई है। डिजिटल की दुनिया में नब्बे के दशक के मध्य से लेकर 2010 की शुरुआत तक के जन्मे लोगों को ‘जेन जी’ का नाम दिया है।
दूरसंचार विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या 1 अरब से ज्यादा हो गई है। यह संख्या 1,002.85 मिलियन तक पहुंच गई है, जो मार्च की तुलना में 3.48 प्रतिशत ज्यादा है। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण ब्रॉडबैंड का विकास बताया गया है। ट्राई के आंकड़ों के अनुसार 30 जून, 2025 तक भारत में इंटरनेट /ब्रॉडबैंड ग्राहकों की कुल संख्या 100.28 करोड़ है। यह पिछली तिमाही की तुलना में 3.48 प्रतिशत की वृद्धि है। कुल उपभोक्ताओं में से 2.31 करोड़ नैरोबैंड उपभोक्ता हैं, जबकि 97.97 करोड़ ब्रॉडबैंड उपभोक्ता हैं। इसके अलावा, 4.47 करोड़ उपभोक्ता वायर्ड इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करते हैं, जबकि 95.81 करोड़ उपभोक्ता वायरलेस इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करते हैं।
आज बिना इंटरनेट जीवन अधूरा लगता है। इंटरनेट हमारी दिनचर्या में पूरी तरह घुलमिल गया है। इंटरनेट का सबसे बड़ा फायदा यही है, कि इसकी वजह से विश्व एक परिवार बन गया है। भारत की बात करे तो आज इंटरनेट ने देश के महानगरों से होते हुए गांव गुवाड़ तक आसानी से अपनी पहुँच बना ली है। हमारे जीवन के रोजमर्रा के अधिकांश कार्य के लिए इंटरनेट पर निर्भरता को देखते हुए इस युग को इंटरनेट का युग कहा जाने लगा है। चाहे पढ़ाई हो या मनोरंजन या फिर किसी तरह का मार्गदर्शन लेना हो, सभी इसके लिए इंटरनेट का सहारा ले रहे हैं। मोबाइल, कंप्यूटर से जुड़ा इंटरनेट घर बैठे दुनियाभर की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध करा देता है।
इंटरनेट का मतलब है इंटरनेशनल नेटवर्क यानी पूरे विश्व के नेटवर्क को इंटरनेट करते हैं। तथा इसको हिंदी में अंतरजाल कहते हैं। एक ऐसा नेटवर्क जिसे पूरी दुनिया के कंप्यूटर आपस में एक तार से जुड़े होते हैं। या हम यह भी कह सकते हैं कि पूरी दुनिया के सारे कंप्यूटर मकड़ी के जाल की तरह आपस में एक दूसरे से ही जुड़े हुए हैं। वैसे आमतौर पर आम भाषा में इसे केवल नेट करके ही बोला जाता है। इंटरेस्ट को वर्ल्ड वाइड वेब के नाम से भी जाना जाता है। वेब यानी कि इसका अर्थ तरंगों से होता है। आज देश और दुनिया के लगभग सभी घरों में ऑनलाइन पढ़ाई, खरीदारी, मनोरंजन और अन्य कामों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल हो रहा है।
आज से बीस तीस साल पहले लोगों ने इंटरनेट का नाम तक नहीं सुना था मगर देखते देखते आज इंटरनेट आज हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन गया है। आज हम हर छोटी-छोटी चीजों के लिए इंटरनेट पर सर्च करते हैं। वर्तमान समय में इंटरनेट ने लोगों के जीवन में एक नई क्रांति ला दी है। रोजमर्रा की जिन्दगी में अब सारे कार्य कंप्यूटर और इंटरनेट द्वारा किए जा रहे हैं। बहुत से लोगों का मानना है इंटरनेट के माध्यम से आमजन का जीवन आसान हो गया है क्योंकि इससे हम घर के बाहर गए बिना ही अपना बिल जमा करना व्यापारिक लेन -देन करना सामान खरीदना आदि काम कर सकते है.अब ये हमारे जीवन का खास हिस्सा बन चुका है। यहाँ तक की खाने पीने का सामान भी इंटरनेट से मंगाते है। वर्तमान समय में इंटरनेट ने लोगों के जीवन में एक नई क्रांति ला दी है। रोजमर्रा की जिन्दगी में अब सारे कार्य कंप्यूटर और इंटरनेट द्वारा किए जा रहे हैं। छोटे बच्चों से लेकर युवा वर्ग और मध्यम वर्ग के लोगों में इंटरनेट को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। परन्तु जहां एक तरफ इंटरनेट हमारे लिए वरदान साबित हो रहा है वहीं दूसरी ओर इंटरनेट के अत्याधिक इस्तेमाल से यह नुक्सान दायक साबित हो रहा है। इंटरनेट ज्ञान का खजाना है यह कहते हम थकते नहीं है। निश्चय ही यह हमारी जिंदगी में एक वरदान बनकर आया है मगर इसके दुरूपयोग ने हमें उजाले से अँधेरे में धकेलते देर नहीं लगायी यह भी एक सच्चाई है। एक्सपर्ट के मुताबिक इंटरनेट के अधिक उपयोग से लोगों में इंटरनेट की लत बढ़ती जा रही है। खासकर युवा वर्ग जिसे जेन जी का नाम दिया जा रहा है, दिनरात सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेमिंग, वीडियो स्ट्रीमिंग आदि आदि में व्यस्त रहते हैं। आवश्यकता इस बात की है की हम नए जमाने को अपनाने के साथ उसकी बुराइयों पर भी निगाह रखे ताकि बचपन को गुमराह होने से बचाया जा सके।

-बाल मुकुन्द ओझा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *